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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 22 सितम्बर 2023 (18:14 IST)

Parliament session: संसद के दोनों सदनों में अधिक देर तक हुआ काम, महिला आरक्षण विधेयक और चंद्रयान पर हुई चर्चा

Parliament session: संसद के दोनों सदनों में अधिक देर तक हुआ काम, महिला आरक्षण विधेयक और चंद्रयान पर हुई चर्चा - Work continued for longer hours in both houses of Parliament
Parliament session: संसद के कल गुरुवार को समाप्त हुए विशेष सत्र में लोकसभा और राज्यसभा (Lok Sabha and the Rajya Sabha) दोनों में निर्धारित समय से अधिक कामकाज हुआ। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार 17वीं लोकसभा में अब तक केवल यही सत्र ऐसा रहा जिसमें कार्यवाही स्थगित होने की वजह से कामकाज बाधित नहीं हुआ। महिला आरक्षण विधेयक (Women's Reservation Bill) और चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) पर चर्चा हुई।
 
संसद के विशेष सत्र में दोनों सदनों में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया गया, जो इस सत्र में पारित एकमात्र विधेयक है। इसके अलावा दोनों सदनों में संसद के 75 वर्ष की यात्रा और चंद्रयान-3 की सफलता पर चर्चा भी हुई। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार लोकसभा की बैठक कुल 31 घंटे से अधिक समय तक चली, जो 22 घंटे 45 मिनट के निर्धारित समय से करीब 8 घंटे अधिक है। इससे लोकसभा में निर्धारित समय का करीब 137 प्रतिशत अधिक कामकाज हुआ।
 
राज्यसभा में 21 घंटे 45 मिनट के निर्धारित समय की तुलना में 27 घंटे 44 मिनट कामकाज हुआ। इस प्रकार उच्च सदन में इसके निर्धारित समय का 128 प्रतिशत कामकाज हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार रात को सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा करते हुए कहा कि इस सत्र के लिए निचले सदन की कार्य उत्पादकता 132 प्रतिशत रही। बाद में लोकसभा सचिवालय ने निचले सदन में 160 प्रतिशत कामकाज होने की बात कही।
 
लोकसभा में इस बार कार्यवाही स्थगित होने की वजह से बिलकुल भी समय बर्बाद नहीं हुआ, वहीं राज्यसभा में कार्यवाही स्थगित होने की वजह से करीब 1.30 घंटे का नुकसान हुआ। आंकड़े बताते हैं कि इस सत्र में अब तक दूसरी सबसे अधिक कार्य उत्पादकता रही। इससे पहले 2020 के मानसून सत्र में लोकसभा ने अपने निर्धारित समय का 145 प्रतिशत काम किया था।
 
पीआरएस की रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा ने विशेष सत्र में अपना 64 प्रतिशत समय चर्चाओं में और 33 प्रतिशत समय विधायी कामकाज में लगाया, वहीं राज्यसभा ने चर्चाओं पर 51 प्रतिशत और महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने में 45 प्रतिशत समय लगाया। सत्र की कार्यसूची में 5 विधेयक विचार करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध थे जिनमें से एक भी इस बार नहीं लिया गया।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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