क्या J&K के उपराज्यपाल को मिलेंगी ज्यादा शक्तियां, राजनीतिक दलों ने जताया कड़ा विरोध
Will the Lieutenant Governor of Jammu and Kashmir get more powers : जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने पुलिस और अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों से संबंधित मामलों पर निर्णय लेने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल को अधिक शक्तियां देने के केंद्र के कदम का शनिवार को कड़ा विरोध जताया।
मुख्य क्षेत्रीय दलों (नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा कि यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के लोगों को अशक्त कर देगा। कांग्रेस ने केंद्र के इस कदम को लोकतंत्र की हत्या करार दिया जबकि अपनी पार्टी ने सभी दलों से मतभेदों को दूर करने और इस कदम के खिलाफ एकजुट होकर विरोध करने का आग्रह किया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग एक शक्तिहीन, रबर स्टाम्प मुख्यमंत्री से बेहतर के हकदार हैं, जिसे एक चपरासी की नियुक्ति के लिए उपराज्यपाल से विनती करनी पड़ेगी। पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम इस बात का एक और संकेत है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव नजदीक हैं।
नेकां के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने इस फैसले को केंद्र की भाजपा नीत सरकार द्वारा लोगों को अशक्त करने के लिए सत्ता का घोर दुरुपयोग करार दिया। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी और उनकी मीडिया सलाहकार इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि यह आदेश जम्मू-कश्मीर में अगली निर्वाचित सरकार की शक्तियों को कम करने का प्रयास है।
इल्तिजा मुफ्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ऐसे समय में जब भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने के बारे में काफी अटकलें लगाई जा रही हैं, गृह मंत्रालय का यह नया आदेश और फरमान एक अनिर्वाचित उपराज्यपाल की पहले से ही बेलगाम शक्तियों को और बढ़ा रहा है।
उन्होंने कहा, यह आदेश जम्मू-कश्मीर की अगली राज्य सरकार की शक्तियों को कम करने का प्रयास है क्योंकि भाजपा कश्मीरियों पर अपनी पकड़ नहीं खोना चाहती है। राज्य का दर्जा मिलने का सवाल ही नहीं उठता। जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार नगर पालिका बनकर रह जाएगी। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने इस कदम को लोकतंत्र की हत्या करार दिया।
वानी ने एक्स पर कहा, राज्य का दर्जा बहाल होने से पहले ही जम्मू-कश्मीर में स्पष्ट रूप से लोकतंत्र की हत्या होती दिखाई दे रही है। गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल को पुलिस, कानून एवं व्यवस्था समेत अधिकारियों के तबादले के अधिकार दिए हैं।
अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने कहा, इस नए फैसले का उद्देश्य राज्य को खोखला बनाना है, जिसमें निर्वाचित सरकार के लिए कोई शक्तियां नहीं बचेंगी... जम्मू-कश्मीर के लोग इसका समर्थन नहीं करते हैं। पूर्व मंत्री बुखारी ने कहा कि यदि केंद्र जम्मू-कश्मीर में शक्तिहीन विधानसभा बनाना चाहता है तो यह स्वीकार्य नहीं होगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour