अचानक ट्विटर पर क्यों ट्रेंड करने लगे पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी? क्या है पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से संबंध
नई दिल्ली।भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी इन दिनों खूब चर्चाओं में हैं। यूपीए की सरकार के दौरान भारत आए पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा ने उनके बारे में कुछ चौंका देने वाले दावे किए हैं। नुसरत ने कहा कि 2005 से 2011 के बीच वे कई बार भारत आए और उन्होंने भारत की कई सूचनाओं को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI तक पहुंचाया।
नुसरत मिर्जा ने 2010 के दौरा के बारे में बताते हुए कहा कि वे भारत में आतंकवाद से निपटने को लेकर आयोजित एक सेमिनार अटेंड करने पहुंचे थे। इस सेमिनार में आने का न्योता उन्हें पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने दिया था। उन्होंने बताया कि वे 2011 में आखिरी बार भारत आए थे और उन्होंने कई बार भारत की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और आतंरिक सुरक्षा से जुड़े मामलों की जानकारी पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई के साथ साझा की।
मिर्जा का कहना है कि उन्हें इस काम के लिए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय से भी कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाती थीं। एक आम पाकिस्तानी उस समय सिर्फ तीन भारत के शहरों की यात्रा कर सकता था, लेकिन उन्हें 5 शहरों में जाने की छूट मिलती थी।
मिर्जा ने कहा कि मैंने दिल्ली, पटना, चेन्नई और कोलकाता जैसे शहरों की यात्राएं की। उस वक्त पाकिस्तान के विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी हुआ करते थे, जिन्होंने मिर्जा से कहा था कि भारत से मिलने वाली सभी जानकारियों को कयानी तक पहुंचाएं। उल्लेखनीय है कि जनरल कयानी उस वक्त पाकिस्तान के सेना प्रमुख थे। नुसरत मिर्जा भारत से इकट्ठी की हुई जानकारियों को खुर्शीद तक पहुंचाते थे जो उसे सेना प्रमुख कयानी के साथ साझा करते थे।
भाजपा ने मांगा जवाब:
इस मामले पर भाजपा ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट रूप से यह बताना चाहिए कि आतंकवाद पर यूपीए सरकार की नीति क्या थी और पूर्व उपराष्ट्रपति ने पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को 5 बार भारत आने का न्योता क्यों दिया? हमे ये नहीं भूलना चाहिए कि हामिद अंसारी उस वक्त भारत के उपराष्ट्रपति थे। देश की सुरक्षा और आतंरिक मामलों से संबंधित ऐसी कई जानकारियां हैं, जो वे किसी के साथ साझा नहीं कर सकते।
भाटिया ने कहा कि भारत ने हामिद अंसारी को इतना सम्मान दिया और बदले में उन्होंने क्या दिया। यूपीए सरकार के दौरान भारत की आतंरिक सुरक्षा को कमजोर करने का प्रयास किया गया। कांग्रेस को इस मुद्दे पर खुलकर बात करनी चाहिए।