UPSC में क्रीमी और नॉन क्रीमी लेयर क्या होता है? जिसका ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने किया दुरुपयोग
IAS Pooja Khedkar News: महाराष्ट्र की 2022 बैच की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर इन दिनों काफी चर्चा में है। उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 841वीं रैंक हासिल की थी। वह महाराष्ट्र कैडर की अधिकारी हैं पहले वह पुणे में तैनात थीं, हालांकि अब पूजा को महाराष्ट्र के वाशिम में ट्रांसफर कर दिया गया है।
पूजा खेडकर उस समय चर्चा में आई जब उन्होंने लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट को अपनी निजी ऑडी कार पर इस्तेमाल किया। इससे भी ज्यादा विवाद तब हुआ जब उन्होंने प्रशासन से कुछ ऐसी सुविधाओं की मांग की जो आईएएस में प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलती है। पूजा खेड़कर ने ट्रेनी के रूप में ड्यूटी जॉइन करने से पहले ही अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी मुहैया कराने की मांग की। हालांकि, उन्हें ये सुविधाएं देने से मना कर दिया गया। उन पर यह भी आरोप लगाया गया है कि खेडकर के पिता ने अपनी बेटी की मांगों को पूरा करने के लिए जिला कलेक्टर ऑफिस पर दबाव भी डाला था।
आपको बता दें कि पूजा खेड़कर के पिता दिलीप खेडकर एक रिटायर आईएएस अधिकारी हैं और वह अहमदनगर लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ चुके हैं। उन्होंने अपने लोकसभा चुनाव के हलफनामे में 40 करोड़ रुपए की संपत्ति दिखाई है। इतना ही नहीं उन्होंने 49 लाख रुपए की सालाना आय भी दिखाई है। यह जानकारी सभी जगह पर मौजूद है। इसके बावजूद भी पूजा खेडकर ने खुद को दिव्यांगता और नॉन क्रीमी लेयर बताते हुए इस आरक्षण का लाभ उठाकर सरकारी नौकरी हासिल की है।
आइए जानते हैं क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर क्या होता हैं?
सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में ओबीसी कैंडिडेट्स के लिए 27% आरक्षण रखा गया है। इसका लाभ उठाने के लिए सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं। ओबीसी वर्ग का हर उम्मीदवार इसका फायदा नहीं उठा सकता है। ओबीसी कैंडिडेट्स को क्रीमी और नॉन क्रीमी लेयर में बांटा गया है। सरकार के नियमों के अनुसार, सिर्फ नॉन क्रीमी ओबीसी कैंडिडेट को ही आरक्षण मिलता है। क्रीमी लेयर के दायरे में आने वाले कैंडिडेट्स को यह लाभ नहीं मिलता है।
अब थोड़ा दोनों को अलग-अलग करके समझ लेते हैं।
यूपीएससी रिजर्वेशन पॉलिसी में क्रीमी लेयर के अंतर्गत कैसे कैंडिडेट्स आते हैं?
अगर किसी परिवार की सालाना इनकम 8 लाख रुपये से ज्यादा है तो उसे क्रीमी लेयर की श्रेणी में रखा जाता है। इनकी आय में सैलरी और कृषि से होने वाली कमाई शामिल नहीं है। वहीं, अगर किसी परिवार की सालाना इनकम 8 लाख रुपये से कम है तो उसे नॉन क्रीमी लेयर की श्रेणी में रखा जाता है UPSC में क्रीमी लेयर ओबीसी कैंडिडेट को आरक्षण की सुविधा नहीं दी जाती है।
अगर ओबीसी कैंडिडेट के परिवार में से कोई राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के जज, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक और मुख्य निर्वाचन आयुक्त जैसी सरकारी नौकरी में है तो इन्हें क्रीमी लेयर कैटेगरी में रखा जाएगा। यूनिवर्सिटीज, बैंक, बीमा कंपनियों के अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर, किसी सेवा या निजी कंपनी में अधिकारी, सेना में कर्नल या उससे ऊपर की रैंक का अधिकारी या वायुसेना, नौसेना और पैरामिलिट्री में समान रैंक के अधिकारी को क्रीमी लेयर में गिना जाता है। अगर इन उम्मीदवारों के परिवार का शहर में अपना घर, अच्छी इनकम और जमीन है तो उन्हें ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जाता है।
Edited By: Navin Rangiyal