उन्होंने कहा है कि मैं दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने गई उनके कैंप ऑफिस गई थी। वहां सीएम के पीएस बिभव कुमार को फोन किया। लेकिन संपर्क नहीं हो सका। फिर मैंने उसके मोबाइल नंबर पर वॉट्सएप के माध्यम से एक मैसेज भेजा। इस पर भी मुझे कोई जवाब नहीं मिला।
मालीवाल ने बताया कि इसके बाद मैं घर के मुख्य दरवाजे से अंदर गई। जैसा कि मैं पिछले सालों से हमेशा से करती आई हूं। बिभव कुमार वहां मौजूद नहीं थे, इसलिए मैं घर के अंदर दाखिल हुई और वहां मौजूद कर्मचारियों को सूचित किया कि वो सीएम से मिलने के बारे में बताएं। मुझे बताया गया कि वो घर में मौजूद है और मुझे ड्राइंग रूम में जाने के लिए कहा गया।
उन्होंने कहा कि मैं ड्राइंग रूम में जाकर सोफे पर बैठ गई और मिलने का इंतजार करने लगी। एक स्टाफ ने आकर मुझे बताया कि सीएम मुझसे मिलने आ रहे हैं। इसके बाद सीएम के पीएस विभव कुमार कमरे में घुस आए। वो बिना किसी उकसावे पर चिल्लाने लगा और यहां तक कि मुझे गालियां भी देने लगा। मैं इस घटना से स्तब्ध रह गई। मैंने उससे कहा कि वो मुझसे इस तरह बात करना बंद करे और सीएम को फोन करे। उसने कहा तू कैसे हमारी बात नहीं मानेगी?
इसके बाद उसने मुझे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया। उसने मुझे कम से कम 7-8 बार थप्पड़ मारे। मैं चिल्लाती रही। मैं बिल्कुल सदमे में थी और बचाव के लिए उसे धकेलने की कोशश की। वो मुझ पर झपटा और बुरी तरह मेरी शर्ट को ऊपर खींच लिया। मेरी शर्ट के बटन खुल गए और मैं नीचे गिर गई और सेंटर टेबल पर मेरा सिर मार दिया। मैं लगातार मदद के लिए चिल्लाती रही।
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मालीवाल ने कहा कि बिभव कुमार नहीं माना और अपने पैरों से मेरी छाती, पेट और शरीर के निचले हिस्से पर लात मारकर मुझ पर हमला किया। मुझे पीरियडस हो रहे थे। मैंने उससे कहा कि मुझे जाने दें। मैं बहुत दर्द में हूं। हालांकि, उसने बार-बार पूरी ताकत से मुझ पर हमला किया। मैं कोशिश कर रही थी कि किसी तरह से बाहर निकल जाऊं। फिर मैं ड्राइंग रूम के सोफे पर बैठ गई और हमले के दौरान चश्मा नीचे गिर गया।
उन्होंने कहा कि इस हमले से मैं भयानक सदमे की स्थिति में थी। मुझे गहरा सदमा लगा और मैंने 112 नंबर पर फोन किया और घटना की सूचना दी। बिभव ने मुझे धमकी देते हुए कहा, कर ले, जो तुझे जो करना है। तू हमारा कुछ नहीं कर पाएगी ऐसी जगह गाड़ देंगे किसी को भी पता नहीं चलेगा। फिर जब उसे एहसास हुआ कि मैं 112 नंबर पर हूं तो वो कमरे से बाहर चला गया।
विभव के कहने पर सुरक्षाकर्मियों ने मुझसे चले जाने के लिए कहा। मैं उनसे कहती रही कि मुझे बेरहमी से पीटा गया है और उन्हें मेरी हालत देखनी चाहिए और पीसीआर पुलिस के आने तक इंतजार करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने मुझे कैंपस छोड़ने के लिए कहा। मुझे सीएम आवास के बाहर ले जाया गया और मैं कुछ देर के लिए उनके घर के बाहर फर्श पर बैठी, क्योंकि मैं गहरे दर्द में थी। बाद में पीसीआर पुलिस आई। मैं ऑटो में बैठकर जाने के लिए निकली।
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उन्होंने कहा कि मुझे बहुत दर्द था और पूरी तरह से सदमे में थी और टूट गई थी। किसी तरह मैंने हिम्मत जुटाई और ऑटो को वापस जाने के लिए कहा और मामले की रिपोर्ट करने के लिए सिविल लाइंस थाने पहुंची। मैंने SHO को घटना के बारे में बताया। मुझे भयानक दर्द था और मेरे मोबाइल पर भी मीडिया के खूब कॉल आने लगे। दर्द और घटना का राजनीतिकरण ना करने की वजह से मैं लिखित शिकायत दर्ज किए बिना पुलिस स्टेशन से चली गई। मेरे हाथ-पैर और पेट में हमले के कारण बहुत दर्द हो रहा था।
पुलिस ने दिल्ली के सिविल लाइन थाने में स्वाति मालीवाल की शिकायत पर विभव कुमार के विरुद्ध IPC की धारा 354 (छेड़छाड़), 506 (जान से मारने की धमकी), 509 (अभद्र कमेंट करना), 323 (मारपीट) के तहत FIR दर्ज की है।
Edited by : Nrapendra Gupta