क्या है उत्तराखंड का समान नागरिक संहिता बिल और क्यों नाराज हैं मुसलमान?
सांसद असदुद्दीन ओवैसी समेत कई मुस्लिम संगठनों ने किया विरोध
What is Uttarakhand Uniform Civil Code Bill: उत्तराखंड विधानसभा में बुधवार को बहुचर्चित समान नागरिक संहिता विधेयक (UCC Bill) ध्वनि मत से पारित हो गया। उत्तराखंड इस बिल को पास करवाने वाला पहला राज्य है। विधेयक के पारित होने के दौरान सदन में जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे भी लगे। अन्य सभी विधिक प्रक्रिया और औपचारिकताएं पूरी होने के बाद यह कानून का रूप ले लेगा। राज्य की भाजपा सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में यूसीसी लाने का वादा किया था।
मुख्यमंत्री थामी ने कहा कि यह विधेयक प्रधानमंत्री द्वारा देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे महान यज्ञ में हमारे प्रदेश द्वारा अर्पित की गई एक आहुति मात्र है। उन्होंने कहा कि यूसीसी विधेयक के तहत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है। हालांकि आदिवासी समुदाय को इससे अलग रखा गया है।
क्यों विरोध में हैं मुस्लिम : हालांकि तमाम मुस्लिम संगठनों ने इस बिल का विरोध किया है। AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस बिल पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह हिन्दू कोड के अलावा कुछ नहीं है। ओवैसी ने कहा- इसमें हिंदू अविभाजित परिवार को छुआ नहीं गया है, क्यों?
ओवैसी ने कहा कि यदि आप उत्तराधिकार और विरासत के लिए एक समान कानून चाहते हैं, तो हिंदुओं को इससे बाहर क्यों रखा गया? क्या कोई कानून एक समान हो सकता है यदि वह आपके राज्य के अधिकांश हिस्सों पर लागू नहीं होता है? उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में विरासत और विवाह धार्मिक प्रथा का हिस्सा हैं, हमें एक अलग प्रणाली का पालन करने के लिए मजबूर करना अनुच्छेद 25 और 29 का उल्लंघन है।
आइए जानते हैं आखिर क्या है उत्तराखंड राज्य के समान नागरिक संहिता बिल में....