'इंडिया' शब्द भूल जाएं, विहिप ने राष्ट्रपति के निमंत्रण पत्र में 'भारत' शब्द के प्रयोग पर कहा
नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जी20 रात्रिभोज निमंत्रण पत्र में 'भारत' शब्द का इस्तेमाल किए जाने की मंगलवार को सराहना की और कहा कि हमें 'इंडिया' शब्द भूल जाना चाहिए। राष्ट्रपति मुर्मू के जी20 रात्रिभोज निमंत्रण में उन्हें 'प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया' के बजाय 'प्रेसीडेंट ऑफ भारत' के रूप में उल्लेख किए जाने को लेकर एक विवाद पैदा होने के बीच विहिप की यह टिप्पणी आई है।
कांग्रेस ने परंपरा से हटने को लेकर केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर प्रहार किया और आरोप लगाया कि यह महंगाई और बेरोजगारी जैसे असल मुद्दों से ध्यान भटका रही है। कांग्रेस ने दावा किया कि विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) से डर और नफरत के चलते सरकार देश का नाम बदलने में जुट गई है।
पार्टी ने आरोप लगाया कि भारत के राज्यों का एक संघ होने के संवैधानिक प्रावधान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार हमले कर रही है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि हमें भारत की राष्ट्रपति पर गर्व है।
उन्होंने कहा कि हमें 'इंडिया' शब्द भूल जाना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत द्वारा 'इंडिया' के बजाय 'भारत' शब्द के इस्तेमाल की जोरदार पैरोकारी करने के 4 दिन बाद यह वाकया सामने आया है। भागवत ने 1 सितंबर को गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में कहा था कि देश का नाम भारत प्राचीन काल से ही है और इसे अवश्य आगे बढ़ाना चाहिए।
उन्होंने कहा था कि हमारे देश का नाम भारत सदियों से है। चाहे जो भी भाषा हो, नाम यही रहा है। भागवत ने कहा कि हमारा देश भारत है और हमें इंडिया शब्द का इस्तेमाल रोकना होगा तथा सभी व्यावहारिक क्षेत्र में भारत का उपयोग करना होगा। तभी जाकर बदलाव होगा। हम अपने देश को भारत कहेंगे। विहिप, आरएसएस से संबद्ध संगठन है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta