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Last Updated : बुधवार, 28 जून 2023 (18:03 IST)

Uniform Civil Code: दुनिया के इन देशों में लागू है एक जैसा कानून

Uniform Civil Code:  दुनिया के इन देशों में लागू है एक जैसा कानून - Uniform Civil Code: Same law is applicable in these countries in the world
Uniform Civil Code:  मध्‍यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पीएम नरेंद्र मोदी ने Uniform Civil Code का जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि जैसे एक घर में एक नियम चलता है, ठीक वैसे ही एक देश भी एक ही कानून से चलता है। पीएम मोदी के इस बयान के बाद एक बार फिर से देश में Uniform Civil Code की चर्चा हो रही है। यह माना जा रहा है कि अब जल्‍द ही सरकार Uniform Civil Code कानून ला सकती है।

आपको बता दें कि भारत में यूसीसी को लेकर अभी बहस चल रही है लेकिन दुनिया के कई देशों में सभी धर्म और संप्रदाय के लोगों के लिए एक जैसा कानून है। दिलचस्‍प है कि इनमें से कई मुस्‍लिम देश भी हैं। आइए जानते हैं दुनिया के किन किन देशों में एक जैसा कानून लागू है।

दुनिया में इन देशों में लागू है UCC?
फ्रांस, अमेरिका, इटली, सऊदी अरब, तुर्की, पाकिस्तान, मिस्र, मलेशिया, नाइजीरिया, आयरलैंड, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, सूडान, इजरायल, जापान और रूस जैसे कई देशों में समान नागरिक संहिता लागू है। इन देशों में सभी धर्म के लोगों के लिए एक समान कानून होता है।

UCC लागू होने से क्या होगा?
UCC के बारे में बहुत बातें हो रही हैं, ये क्‍या कानून यह भी लगभग सभी जानते हैं। लेकिन यह किस तरह से और कहां-कहां बदलाव लाएगा यह जानते हैं। बता दें कि यूसीसी मोटेतौर पर विवाह, तलाक, संपत्‍ति के अधिकार और दत्‍तक लेने जैसे मामलों में बदलाव करेगा। यह खासतौर से मुस्‍लिम संप्रदाय के नियम-कायदो में बदलाव करेगा।
UCC लागू होने पर शरीयत कानून, पर्सनल लॉ बोर्ड समाप्त हो जाएंगे।

धार्मिक स्थलों के अधिकारों पर भी असर पड़ेगा। अगर मंदिरों का प्रबंधन सरकार के हाथों में हैं, तो फिर मस्जिद, गिरिजाघर, गुरुद्वारा आदि का प्रबंधन भी सरकार के हाथों में होगा। लेकिन अगर मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरिजाघर का प्रबंधन उनके अपनी-अपनी धार्मिक संस्थाएं करती हैं तो मंदिर का प्रबंधन भी धार्मिक संस्थाओं को ही देना होगा।

कहां-कहां होंगे बदलाव?
बहु-विवाह यानी एक से ज्‍यादा शादी पर रोक लगेगी।
लड़कियों की शादी की आयु बढ़ाई जाएगी ताकि वे शादी से पहले ग्रेजुएट हो सकें।
लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन जरूरी होगा। माता-पिता को सूचना जाएगी।
उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों का बराबर का हिस्सा मिलेगा, चाहे वो किसी भी जाति या धर्म के हों।
मुस्लिम महिलाओं को भी बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा। गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।
हलाला और इद्दत (भरण-पोषण) पर रोक लगेगी। शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा।
पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्नी के लिए भी लागू होगा।
नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्नी को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी होगी।
पत्नी पुर्न-विवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंशेसन में माता-पिता का भी हिस्सा होगा।
Edited: By Navin Rangiyal
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