Tunnel Accident: 31 मीटर तक की ड्रिलिंग हुई, अब कुदरती कहर का खौफ, उत्तराखंड में येलो अलर्ट, बारिश हुई तो क्या होगा?
Tunnel Accident Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के अभियान में आज सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। यह ऑपरेशन का 16वां दिन है। अब सेना ने ऑपरेशन का मोर्चा संभाला है। सिलक्यारा स्थल पर मौजूद बीआरओ के पूर्व डीजी हरपाल सिंह ने कहा है कि 31 मीटर तक लंबवत ड्रिलिंग की गई।
इस बीच कुदरत के कहर की आशंका मंडराती नजर आ रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने आज सोमवार से तीन दिनों तक भारी बारिश के साथ बर्फबारी की चेतावनी दी है, जिसकी वजह से बचाव अभियान में और मुश्किलें आ सकती हैं।
31 मीटर तक ड्रिलिंग हो गई : बता दें कि श्रमिकों को निकालने के लिए पहुंचाई जाने वाली 80 सेंटीमीटर व्यास की आखिरी 10 मीटर की पाइप बिछाने का काम पिछले चार दिनों से नहीं हो पाया है, क्योंकि ड्रिल करने वाली ऑगर मशीन में टूट कर अंदर ही फंस गई थी। इस बीच बचाव अभियान पर कुदरत के कहर का खतरा भी मंडराने लगा है। हालांकि बीआरओ के पूर्व डीजी हरपाल सिंह ने कहा है कि 31 मीटर तक लंबवत ड्रिलिंग हो चुकी है।
कहीं टूटे न मनोबल : पाइप के अंदर से मशीन के टूटे हुए हिस्से को भले ही निकाल लिया गया है। अब वैकल्पिक रास्ते के तौर पर भारतीय सेना के जवान पहाड़ी के ऊपर से वर्टिकल खुदाई कर रहे हैं। करीब 20 मीटर तक की खुदाई पूरी हो चुकी है। वर्टिकल तौर पर कम से कम 86 मीटर की खुदाई की जानी हैं, जिसमें चार दिनों का वक्त लगने का दावा किया जा रहा है। हालांकि श्रमिकों को 10 दिनों का खाना, दलिया, अंडे और गेम्स के लिए मोबाइल फोन भेज गए हैं। इस पूरे ऑपरेशन में सबसे बडी चिंता मजदूरों के मनोबल की है।
मौसम विभाग ने किया अलर्ट : इस बीच मौसम विभाग के एक अलर्ट ने बचाव अभियान में जुटे कर्मियों और अंदर फंसे श्रमिकों के परिजनों की टेंशन बढ़ा दी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने आज सोमवार से तीन दिनों तक भारी बारिश के साथ बर्फबारी की चेतावनी दी है, जिसकी वजह से बचाव अभियान में और मुश्किलें आ सकती हैं। विभाग ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा के ऊपरी इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से भारी बारिश के साथ-साथ बर्फबारी की संभावना व्यक्त की है। सिलक्यारा, बड़कोट उत्तरकाशी के वो इलाके हैं जहां भारी बर्फबारी होती है।
क्या हो सकता है खतरा : बता दें कि उत्तरकाशी में जहां सुरंग धंसी है, वहां पहाड़ी मिट्टी होने की वजह से बारिश के बाद हल्की होकर और धंसने लगती हैं। असल में सुरंग के अंदर डाली गई पाइप जिस सहारे पर टिकी है, उसमें भी बारिश के बाद दरार पड़ने की आशंका है। यहां रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे लोगों की सुरक्षा भी बारिश के बाद बड़ी चुनौती होगी। मौसम विभाग की चेतावनी के हिसाब से यहां बर्फबारी होती है तो निश्चित तौर पर रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित होगा। बर्फबारी के बाद बिजली की दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। साथ ही ठंड बढ़ने के कारण सुरंग में मजदूरों को भी दिक्कतें होगी।
मौसम विभाग के अनुसार उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में बारिश ओलावृष्टि और 3500 मीटर की ऊंचाई पर बर्फबारी होने की संभावना है। इन इलाकों में घना कोहरा भी छाएगा, जिसकी वजह से सड़क और रेल यातायात में भी परेशानी होगी।
Edited by navin rangiyal