नई दिल्ली। कोरोना को लेकर जारी कथित टूलकिट मामले में पुलिस की छानबीन तेज हो गई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने इस मसले पर पहले माइक्रोब्लॉगिंग साइट टि्वटर को नोटिस भेजने के बाद अब उसके दफ्तर पर पहुंचकर छानबीनी की है।
पिछले सप्ताह ट्विटर ने कथित 'टूलकिट' से संबंधित पात्रा के ट्वीट को 'मैनिपुलेटिड मीडिया' यानी छेड़छाड़ किया किया हुआ बताया था। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने एक टूलकिट बनाकर कोरोना वायरस के नए स्वरूप को 'भारतीय स्वरूप' या 'मोदी स्वरूप' बताया और देश तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करने का प्रयास किया।
हालांकि कांग्रेस ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया था कि भाजपा उसे बदनाम करने के लिये फर्जी 'टूलकिट' का सहारा ले रही है। कांग्रेस ने भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ पुलिस में जालसाजी का मामला भी दर्ज कराया है।
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने कथित कोविड टूलकिट मामले की जांच के संबंध में ट्विटर इंडिया को सोमवार को नोटिस भेजा और उसकी 2 टीमें दिल्ली और गुड़गांव स्थित माइक्रोब्लॉगिंग साइट के दफ्तर पहुंचीं।
दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि दिल्ली पुलिस की टीमें सामान्य प्रक्रिया के तहत ट्विटर इंडिया को नोटिस देने के लिए उसके दफ्तरों में गई थीं। इसकी आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि वे जानना चाहते थे कि नोटिस देने के लिए सही व्यक्ति कौन है क्योंकि ट्विटर इंडिया के एमडी की ओर से मिला जवाब बिलकुल सटीक नहीं था।
इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि टूलकिट मामले की जांच के सिलसिले में विशेष प्रकोष्ठ की 2 टीमें ट्विटर इंडिया के लाडो सराय और पड़ोसी गुड़गांव शहर में स्थित कार्यालयों में छापा मारने पहुंची थीं। एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि विशेष प्रकोष्ठ ने भाजपा नेता संबित पात्रा के ट्वीट को भ्रमित करने वाला बताने को लेकर माइक्रोब्लॉगिंक साइट से स्पष्टीकरण मांगा है।
बिस्वाल ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि ट्विटर के पास कुछ ऐसी सूचना है जो दिल्ली पुलिस के पास नहीं है और यह जानकारी जांच से जुड़ी हुई है।
सोशल मीडिया की आवाज को दबा रही है : कांग्रेस ने कथित कोविड टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर के कार्यालयों पर छापा मारे जाने को ट्विटर को धमकाने की कोशिश करार देते हुए सोमवार को कहा कि सोशल मीडिया की आवाज दबाने का प्रयास सफल नहीं होगा।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि भाजपा नेताओं के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी दिल्ली पुलिस के पीछे खड़े हो गए हैं। उन्होंने एक बयान में कहा कि फर्जीवाड़े और फर्जी कागजों के जरिए देश को भ्रमित करने की भाजपा की साजिश की परतें रोजाना खुलती जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं और केंद्र सरकार के कई मंत्रियों ने फर्जी टूलकिट का ढोल पीटा। इसके बाद पुलिस में मामला दर्ज कराया गया और स्वतंत्र मीडिया संस्थान की पड़ताल में इस टूलकिट को फर्जी करार दिया गया तथा ट्विटर ने भाजपा के इस दावे को मैनिपुलुटेड मीडिया (छेड़छाड़ किया हुआ) करार दिया। इससे सरकार छटपटा गई।
उन्होंने दावा किया कि अब सरकार ट्विटर के गुरुग्राम और दिल्ली स्थित दफ्तरों में छापा मरवाकर ट्विटर एवं सोशल मीडिया के दूसरे मंचों को डराने का प्रयास कर रही है। जब भाजपा के लोग फर्जीवाड़ा कर रहे थे तो सरकार उनके संरक्षण में क्यों खड़ी है?
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि जब मंत्रियों की पोल खुलती नजर आई तो पूरी सरकार और भाजपा दिल्ली पुलिस के पीछे खड़ी हो गई। भाजपा और सरकार जान लें कि वह देश के लोगों की जुबान पर ताला लगाने की कोशिश में कभी कामयाब नहीं होगी। आपका फर्जीवाड़ा साबित हो चुका है और इसकी सजा भाजपा के नेताओं को जरूर मिलेगी।
अपने जाल में फंसी भाजपा : समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने टि्वटर इंडिया के दफ्तर पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की छापेमारी को लेकर कहा कि भाजपा सरकार का यह कृत्य उसकी वैश्विक छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
यादव ने ट्वीट किया कि ट्विटर के दिल्ली व गुरुग्राम के ऑफिस पर छापा मरवाना भाजपा सरकार की गिरती हुई वैश्विक छवि को और नीचे गिरायेगा। ये एक अलोकतांत्रिक व घोर निंदनीय कृत्य है। उन्होने कहा कि भाजपाई अपने ही बिछाए झूठ के जाल में फँस गए हैं। ये भूल गए कि हर कोई दाना नहीं चुगता। इस बार बहेलिए को चिड़िया ले उड़ी।