मणिपुर की घटना पर शर्मसार देश, मोदी ने तोड़ी चुप्पी, संसद से सड़क तक फूटा आक्रोश
मणिपुर की हैवानियत पर आज पूरा देश शर्मसार है। पिछले लंबे समय से जातीय हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में महिलाओं के साथ जिस तरह से दरिंदगी की तरह व्यवहार किया गया उससे हर किसी का सिर शर्म से झुक गया है। हर कोई लज्जित महसूस कर रहा है। भले ही महिलाओं के साथ हैवानियत की यह घटना पूर्वेत्तर के एक राज्य में घटी हो लेकिन इस गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है। लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली इस घटना की गूंज लोकतंत्र के मंदिर संसद से लेकर सड़क तक सुनाई दे रही है।
पीएम मोदी ने तोड़ी चुप्पी-मणिपुर को लेकर आज आखिरकार पीएम मोदी को अपनी चुप्पी तोड़नी पड़ी। पीएम ने कहा कि मणिपुर की घटना से उनका मन क्रोध से भरा हुआ है। मणिपुर की घटना को सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना बताते हुए कहा कि गुनाह करने वाले कितने और कौन हैं, वो अपनी जगह पर हैं पर बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है इसको कभी माफ नहीं किया जाएगा।
संसद के मानसून सत्र के पहले दिन मणिपुर की घटना पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस देश के किसी भी कोने में, किसी के भी राज्य सरकार में राजनीति और वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था का महात्म्य और नारी का सम्मान है। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। कानून अपनी पूरी शक्ति से और सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा। मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ है इसको कभी माफ नहीं किया जाएगा।
कठघरे में राज्य की भाजपा सरकार-सोशल मीडिया पर मणिपुर का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य की भाजपा सरकार कठघऱे में है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि वीडियो सामने आने के तुरंत बाद घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस हरकत में आई और आज सुबह पहली गिरफ्तारी की गई। फिलहाल गहन जांच चल रही है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिसमें मृत्युदंड की संभावना पर भी विचार किया जाएगा।
संसद में गूंजा मणिपुर का मामला-मणिपुर में महिलाओं के साथ हैवानियत की गूंज आज संसद के दोनों सदनों में सुनाई दी। कांग्रेस सहित विपक्षी दल एक सुर में मणिपुर की घटना पर चर्चा कराने की मांग करने लगे। हंगामे के बीच संसद की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। विपक्ष ने पीएम मोदी से संसद के अंदर बयान की मांग की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि मणिपुर में मानवता मर गई है।
वहीं विपक्ष के हंगामे पर सरकार की ओर से पलटवार करते हुए मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष संसद को नहीं चलने देना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार घटना पर सरकार संवेदनशील तरीके से चर्चा करना चाहती है लेकिन विपक्ष चर्चा से बचना चाहती है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता-मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई हैवानियत पर सुप्रीमकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले पर केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि हम वीडियो देखकर बहुत डिस्टर्ब है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। सीजेआई ने कहा कि लोकतंत्र में ये स्वीकार्य नहीं है, इस मामले में अगले शुक्रवार सुनवाई होगी। सीजेआई ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती. महिलाओं के अधिकारों को लेकर इस प्रकार की घटना अंतर- आत्मा को हिला देने वाली है, ये संविधान के अधिकारों का हनन है।
वीडियो शेयर करने पर रोक-मणिपुर में महिलाओं के साथ हैवानियत के वीडियो के सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर होने के बाद सरकार की ओर से इस पर एक्शन लिया गया। केंद्र सरकार की ओर से ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निर्देश जारी करते हुए मणिपुरी महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के वायरल वीडियो को शेयर करने से रोकने को कहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए भारतीय कानूनों का पालन करना अनिवार्य है, क्योंकि मामले की अभी जांच चल रही है।