प्रथमेश व्यास
नई दिल्ली। दिल्ली की आबकारी नीति पर एलजी विनय कुमार सक्सेना और केजरीवाल सरकार में ठन गई है। एलजी ने केजरीवाल की नई आबकारी नीति के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
मुख्यमंत्री बनने बाद से अब तक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपराज्यपालों (LG) के बीच कई बार मतभेद हो चुके हैं। पहले नजीब जंग, उसके बाद अनिल बैजल और अब विनय कुमार सक्सेना। अभी तक दिल्ली के तीनों उपराज्यपालों से केजरीवाल की बनती हुई नहीं दिखी। केजरीवाल हमेशा से उपराज्यपाल को केंद्र की कठपुतली कहते आए हैं। विस्तार से जानते हैं केजरीवाल और दिल्ली LG के बीच हुए अब तक के 10 बड़े विवादों के बारे में -
1. 2 जून 2015 को बिहार पुलिस के 5 अफसरों ने दिल्ली की भ्रष्टाचार रोधी शाखा (ACB) ज्वाइन की, इस पोस्टिंग को दिल्ली के तत्कालीन LG नजीब जंग ने ये कहकर रद्द कर दिया कि ACB के मुखिया वो हैं। एक हफ्ते बाद जंग ने दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिशनर एम.के मीणा को ACB का प्रमुख नियुक्त कर दिया, जिसका केजरीवाल ने जमकर विरोध किया।
2. दिसंबर 15, 2015 को CBI ने केजरीवाल के दफ्तर पर रैड मारी, जिसके लिए केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी और नजीब जंग को जिम्मेदार ठहराया।
3. 31 दिसंबर, 2015 को दिल्ली सरकार की लोकप्रिय ऑड-ईवन स्कीम को लागू करने के एक दिन पहले दिल्ली के कई IAS अधिकारी छुट्टी पर चले गए। इस कथित हड़ताल का दोष केजरीवाल ने LG और केंद्र सरकार को दिया।
4. जून 1, 2016 को ACB ने दिल्ली सरकार की बस सर्विस की जांच की। इसके बाद केजरीवाल और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ टैंकर घोटाले में एफआईआर दर्ज कराई। दिल्ली सरकार ने नजीब जंग पर आरोप लगाया कि वे केंद्रीय मंत्रियों के कहे अनुसार कार्य कर रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया। जिसके बाद आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट गई। नजीब जंग ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और PWD सचिव को पद से हटा दिया। केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली LG के जरिए दिल्ली को तबाह करने पर आमादा हैं।
5. 30 अगस्त 2016 को जंग ने दिल्ली सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से संबंधित 400 से अधिक फाइलों की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया। केजरीवाल ने नजीब जंग को 'हिटलर' की संज्ञा दी।
6. 31 दिसंबर 2016 को अनिल बैजल दिल्ली के उपराज्यपाल नियुक्त किए गए। दिल्ली सरकार से तनातनी के चलते दिल्ली के कई IAS अफसर हड़ताल पर बैठ गए, जिसके विरोध में केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर LG दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर निवेदन किया कि वे इस मसले पर हस्तक्षेप करें और IAS अधिकारियों की हड़ताल को खत्म करवाएं।
7. जुलाई 2018 को शीर्ष अदालत ने ये फैसला सुनाया कि उपराज्यपाल के पास 'स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति' नहीं है और अब से उसे कैबिनेट की सलाह पर निर्णय लेना होगा। इस पर केंद्र सरकार ने अदालत से कहा कि राष्ट्रीय राजधानी का प्रशासन अकेले दिल्ली सरकार के हाथों में छोड़ा नहीं जा सकता।
8. 14 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने नौकरशाहों की नियुक्ति और स्थानांतरण पर केंद्र और दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र पर एक विभाजित निर्णय दिया। कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पर केंद्र का नियंत्रण होगा, जबकि दिल्ली सरकार के पास बिजली अधिनियम के तहत विशेष लोक अभियोजक, निदेशक नियुक्त करने और कृषि भूमि पर राजस्व वसूलने का अधिकार होगा। कोर्ट के इस फैसले को लेकर भी कई बार हंगामे हुए।
9. 26 मई 2022 को विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया। केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के विकास मॉडल के प्रस्तुतिकरण के लिए सिंगापुर में 1 अगस्त को होने वाली समिट में भाग लेने के लिए LG विनय सक्सेना से अनुमति मांगी। वीके सक्सेना ने 21 जुलाई 2022 को इसे ये कहते हुए खारिज कर दिया कि ये किसी मुख्यमंत्री के जाने लायक आयोजन नहीं है। इस पर केजरीवाल ने कहा कि वे गृह मंत्रालय से इजाजत मांगेगे और समिट में जरूर भाग लेंगे।
10. 22 जुलाई 2022 को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के उल्लंघन तथा प्रक्रियागत खामियों को लेकर इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश की।