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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: बुधवार, 1 अगस्त 2018 (17:50 IST)

आतंकियों की कश्मीरी पुलिसकर्मियों को धमकी, नौकरी छोड़ दो अन्यथा...

आतंकियों की कश्मीरी पुलिसकर्मियों को धमकी, नौकरी छोड़ दो अन्यथा... - Terrorist, Kashmiri policeman job chief minister Mehbooba Mufti
जम्मू। आतंकियों व पुलिसवालों के एक-दूसरे के परिवारों को धमकाने व घरों में घुसकर चेतावनी जारी करने का सिलसिला कश्मीर में फिर से जोर पकड़ने लगा है। पिछले वर्ष इस सिलसिले पर रोक उस समय थोड़ी देर के लिए जरूर लग गई थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी इस मामले में कूद पड़ी थीं।
 
ताजा घटनाक्रम में अपने प्रमुख कमांडरों के मारे जाने से हताश आतंकियों ने मंगलवार रात दक्षिण कश्मीर के शोपियां में तीन पुलिसकर्मियों को उनके घरों में घुसकर पीटा। आतंकियों ने सभी पुलिसकर्मियों को नौकरी छोड़ने का फरमान सुनाते हुए गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
 
एक पखवाड़ा पहले हिज्ब ने त्राल समेत दक्षिण कश्मीर के विभिन्न इलाकों में पोस्टर जारी कर पुलिसकर्मियों व एसपीओ को नौकरी छोड़ने के लिए कहा था। तीन दिन पहले आतंकियों ने त्राल में एक एसपीओ को उसके घर से अगवा करने के अलावा सोमवार रात एक सीआरपीएफ कर्मी की घर में घुसकर हत्या कर दी थी।
 
जानकारी के अनुसार, स्वचालित हथियारों से लैस आतंकियों का एक दल रात शोपियां के नाडपोरा गांव में दाखिल हुआ था। आतंकियों ने पहले जहांगीर वागे नामक पुलिसकर्मी के घर दस्तक दी। उसके बाद फैजान वागे और दानिशन बट के घर में दस्तक दी। आतंकियों ने इन तीनों पुलिसकर्मियों के घरों में दाखिल होकर पहले तोड़फोड़ की। उसके बाद तीनों को पीटा।
 
बताया जाता है कि आतंकियों ने तीनों को पुलिस की नौकरी छोड़ने का फरमान सुनाते हुए कहा कि वह अपने अन्य साथियों को भी पुलिस छोड़ने और कश्मीर में जारी जिहाद में सहयोग करने का फरमान सुनाया है।
 
आतंकियों का निशाना बने तीनों पुलिसकर्मी पहले एसपीओ थे, जिन्हें कुछ समय पहले ही पदोन्नत कर पुलिस विभाग में बतौर कांस्टेबल नियमित किया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आतंकियों को पकड़ने के लिए अभियान चला रखा है।
 
वैसे यह सिलसिला नया नहीं है। पिछले वर्ष अप्रैल के महीने में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पांव तले से उस समय जमीन खिसक गई थी जब आतंकियों ने एक डीएसपी रैंक के घर पर धावा बोलते हुए उनके परिजनों को जान से मारने की धमकी देते हुए घर में तोड़फोड़ की थी। उसके बाद चूहे-बिल्ली का जो खेल आरंभ हुआ वह तब कहीं जाकर शांत हुआ था जब तत्कालीन मुख्यमंत्री भी उसमें कूद पड़ी थीं।
 
गत अप्रैल में ही लश्करे तैयबा के चीफ महमूद शाह ने कश्मीर के अखबारों को भेजे गए संदेश में राज्य पुलिस पर आरोप लगाया था कि वह आतंकियों के परिवारों को प्रताड़ित कर रहे हैं। इस संदेश में उसने ‘धमकी’ भी दी थी कि अगर यूं ही चलता रहा तो पुलिस अधिकारियों के परिवार उनकी गिरफ्त से दूर नहीं होंगे।
 
आतंकी कमांडर का वक्तव्य उस समय आया था जब जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक शेषपाल वैद ने आतंकियों को पुलिसवालों के परिवारों से दूर रहने की चेतावनी देते हुए कहा था कि वे अपनी गतिविधियों में पुलिस वालों के परिवारों को न घसीटें। उन्होंने साथ ही चेतावनी भी दी थी कि भविष्य में अगर ऐसा होता है तो आतंकियों को अपने परिवारों के बारे में सोच लेना चाहिए।
 
अब हालात यह है कि मामले को लेकर पुलिस और आतंकी गुट एक बार फिर से आमने-सामने हैं। परिणाम यह है कि दोनों पक्षों के बीच हो रहे वाकयुद्ध के कारण पुलिस तथा आतंकियों के परिवार डरे हुए हैं। हालांकि पुलिस अधिकारी ऐसे किसी डर की पुष्टि तो नहीं करते थे, लेकिन कुछ आतंकी परिवारों के सदस्यों का मानना था कि दोनों की लड़ाई में परिवारों के अन्य सदस्य ही पिस जाएंगे।