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Last Modified: सोमवार, 15 अक्टूबर 2018 (16:18 IST)

कश्‍मीर में आतंकियों ने पुलिस अधिकारी के घर में घुसकर किया हमला, लूटे हथियार, सेना ने की घेराबंदी

कश्‍मीर में आतंकियों ने पुलिस अधिकारी के घर में घुसकर किया हमला, लूटे हथियार, सेना ने की घेराबंदी - Terrorist attack in Kashmir
श्रीनगर। मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के गोपालपोरा इलाके में आतंकियों ने रविवार की देर रात एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के घर हमला कर दो हथियार लूट लिए। एसएसपी तेजिंदर सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है।

 
गोपालपोरा की नूरानी कॉलोनी में सेवानिवृत्त एसपी गुलाम अहमद शेख के घर आतंकी घुस गए। उन्होंने सुरक्षा में तैनात गार्डों को काबू में कर उनके दो कारबाइन व चार मैगजीन लूट लिए। इसके बाद वे भाग निकले। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने घटना की जानकारी हासिल की।

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसी बीच हथियार लूट की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। हमले और हथियार लूटे जाने की सूचना मिलते ही पुलिस व सीआरपीएफ के जवान व अधिकारी मौक पर पहुंच गए हैं। उन्होंने हालात का जायजा लेते हुए आतंकियों को पकड़ने के लिए आसपास के इलाके की घेराबंदी भी कर ली है। वैसे हथियार लूट की यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले पिछले महीने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में सुरक्षाकर्मी से सरकारी हथियार की लूट हुई थी।

पूर्व मंत्री व विधायक अब्दुल हक खान के कुपवाड़ा जिले में दौरे के दौरान सुरक्षा ड्यूटी में तैनात एक सुरक्षाकर्मी पर हमला कर आतंकियों ने हथियार लूट लिए थे, लेकिन इस सीमांत जिले में लूट की इस पहली घटना से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई थीं। उस वक्त हथियार लूट की जिम्मेदारी हिजबुल मुजाहिदीन ने ली थी। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों पर दबाव बनाने के लिए राज्य सरकार ने लगभग 30 हजार ऐसे नौजवानों की भर्ती कर रखी है, जो सेना और राज्य पुलिस की मदद करते हैं।

इन्हीं में से कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जैसे-प्रभावशाली लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी। आतंकवादी इन पुलिसकर्मियों को आसानी से अपना निशाना बना लेते हैं। इन दिनों आतंकवादियों ने चिन्हित कर कई ऐसे पुलिसकर्मियों की भी हत्या की है। मसलन आतंकवादियों को लगता है कि ये स्थानीय पुलिसकर्मी उनकी मुखबिरी करते हैं और सेना को आतंकवादियों की गतिविधियों की जानकारी देते हैं, इसलिए आतंकवादी इन पुलिसकर्मियों को आसानी से शिकार बना रहे हैं।

उधर सेना के पास आधुनिक हथियार होता है, लेकिन इन पुलिसकर्मियों के पास पुराने हथियार होते हैं, आतंकवादियों के लिए वे हथियार भी कामयाब होते हैं। हाल के दिनों में कई राज्य पुलिस विभाग के सुरक्षाकर्मियों से हथियार लूटने की घटना सामने आई है।