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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2017 (11:59 IST)

सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ को भेजा सबरीमाला मंदिर मामला

सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ को भेजा सबरीमाला मंदिर मामला - Supreme court refers sabarimala case to constitution bench
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केरल के ऐतिहासिक सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक से संबंधित मामला गुरुवार को अपनी संविधान पीठ को भेज दिया।
 
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने संविधान पीठ के लिए कई सवाल तैयार किए जिनमें यह भी शामिल है कि क्या मंदिर महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा सकता है?
 
उच्चतम न्यायालय ने यह सवाल भी तैयार किया कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना क्या संविधान के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन है? पीठ ने कहा कि संविधान पीठ इस सवाल पर भी विचार करेगी कि क्या इस प्रथा से महिलाओं के खिलाफ भेदभाव होता है।
 
न्यायालय ने मामला संविधान पीठ को भेजे जाने के मुद्दे पर 20 फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
 
सबरीमाला मंदिर प्रबंधन ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि 10 से 50 वर्ष की आयु तक की महिलाओं के प्रवेश पर इसलिए प्रतिबंध लगाया गया है क्योंकि मासिक धर्म के समय वे शुद्धता बनाए नहीं रख सकतीं।
 
शीर्ष न्यायालय मंदिर में ऐसी महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की प्रथा को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
 
 
 
 
गत वर्ष सात नवंबर को केरल सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि वह ऐतिहासिक सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के पक्ष में है।

शुरुआत में एलडीएफ सरकार ने वर्ष 2007 में मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का समर्थन करते हुए प्रगतिशील रुख अपनाया था लेकिन बाद में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) सरकार ने इसके विपरीत रुख अपनाया। यूडीएफ सरकार ने तब कहा था कि वह 10 से 50 वर्ष की आयु के बीच की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ है क्योंकि यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। (भाषा)