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Last Updated : सोमवार, 7 मई 2018 (20:54 IST)

बहुविवाह के खिलाफ याचिका पर केंद्र से जवाब तलब

बहुविवाह के खिलाफ याचिका पर केंद्र से जवाब तलब - Supreme Court, Muslim, Multiple Marriage
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मुस्लिमों में बहुविवाह और निकाह हलाला प्रथा के खिलाफ दायर एक और याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
 
 
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली शबनम की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया तथा इस याचिका को भी पहले से दायर उन याचिकाओं के साथ शामिल करने का निर्देश दिया जिन्हें संविधान पीठ को भेजा जा चुका है।
 
याचिकाकर्ता का कहना है कि बहुविवाह और निकाह हलाला की प्रथा की संविधान के दायर में न्यायिक समीक्षा से छूट नहीं दी जानी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम, 1937 की धारा 2 को संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन करने वाला घोषित किया जाए, क्योंकि यह बहुविवाह और निकाह हलाला को मान्यता देता है।
 
गौरतलब है कि शीर्ष अदालत में इस तरह की 4 याचिकाएं पहले से ही दायर हैं जिनमें 2 याचिककर्ताएं (नफीसा बेगम और समीना बेगम) खुद पीड़िता हैं जबकि 2 अन्य हैं- भारतीय जनता पार्टी नेता एवं उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय एवं हैदराबाद के वकील मोहसिन काशीरी। (वार्ता)
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