राफेल मामले में सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ा झटका, कोर्ट में रखे गए दस्तावेज मान्य
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राफेल सौदे से संबंधित कुछ नए दस्तावेजों को आधार बनाए जाने पर केंद्र की प्रारंभिक आपत्ति को ठुकरा दिया। इन दस्तावेजों पर केंद्र सरकार ने विशेषाधिकार का दावा किया था।
केंद्र ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने विशेष दस्तावेज गैरकानूनी तरीके से हासिल किए और 14 दिसम्बर, 2018 के निर्णय को चुनौती देने के लिए इसका प्रयोग किया गया। इस फैसले में न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल विमान सौदे को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की एक पीठ ने कहा, 'हम केन्द्र द्वारा समीक्षा याचिका की स्वीकार्यता पर उठाई प्रारंभिक आपत्ति को खारिज करते हैं।'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 14 दिसंबर को राफेल विमान की खरीद से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज करने संबंधी करने के फैसले पर दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। न्यायालय ने कहा कि वह राफेल पर पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई के लिए तारीख तय करेगा।
शीर्ष अदालत ने 14 मार्च को उन विशेषाधिकार वाले दस्तावेजों की स्वीकार्यता पर केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों पर फैसला सुरक्षित रखा था जिन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा वकील प्रशांत भूषण ने शीर्ष अदालत के 14 दिसंबर के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका में शामिल किया था।
याचिकाकर्ता अरुण शौरी ने राफेल पुनर्विचार याचिका पर आये निर्णय पर कहा, हम दस्तावेजों की स्वीकार्यता पर केंद्र के तर्क को सर्वसम्मति से खारिज करने के आदेश से खुश हैं।
केंद्र सरकार ने कहा था कि ये विमान की कीमतों से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय में चोरी से फोटोकॉपी कर कोर्ट में पेश किए गए हैं। इन पर कोर्ट को संज्ञान नहीं लेना चाहिए। सरकार इस मामले आंतरिक जांच भी करवा रही है।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने देश की सुरक्षा का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की याचिका खारिज करने की मांग की थी। दलील दी गई थी कि तीनों याचिकाओं में जिन दस्तावेजों का प्रयोग हुआ है, उस पर सरकार का विशेषाधिकार है। लिहाजा उन दस्तावेजों को याचिका से हटाया जाना चाहिए।
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि मोदी जी हर जगह कह रहे थे कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राफेल में क्लीन चिट मिली है। आज के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साबित हो गया कि मोदी जी ने राफेल में चोरी की है, देश की सेना से धोखा किया है और अपना जुर्म छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया।