तहलका मामले में सोनिया की भूमिका पर जया जेटली का बड़ा खुलासा...
नई दिल्ली। समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली ने दावा किया कि संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी ने 2004 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को पत्र लिखकर उनसे सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि तहलका का वित्त पोषण करने वालों से अनुचित व्यवहार नहीं किया जाए।
तहलका पत्रिका ने पूर्ववर्ती अटल बिहारी वाजपेयी नीत राजग सरकार के दौरान रक्षा सौदे में कथित भ्रष्टाचार पर स्टिंग ऑपरेशन किया था जिस कारण तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस को इस्तीफा देना पड़ा था।
जया ने ये दावे अपनी किताब 'लाइफ अमंग द स्कॉर्पियंस' में किए, जिसमें तहलका के ‘ऑपरेशन वेस्ट इंड’ स्टिंग को लेकर वह कांग्रेस को निशाना बनाती प्रतीत होती हैं।
असम राज्य मानवाधिकार आयोग के तत्कालीन प्रमुख न्यायमूर्ति एस एन फुकन को जनवरी 2003 में तहलका जांच के लिए नामित किया गया था।
जया लिखती हैं, 'न्यायमूर्ति फुकन ठीक तरीके से काम कर रहे थे और किसी को मामले में विलंब नहीं करने दे रहे थे। उन्होंने घोषणा की कि टेप को जांच के लिए भेजा जा रहा है और तहलका टीम ने आयोग की कार्यवाही का बहिष्कार करने का निर्णय किया जिसे उन्होंने बड़े शांत मन से लिया।'
रूपा प्रकाशन की किताब में लिखा गया है कि आयोग जब काम कर रहा था तभी सोनिया गांधी ने संप्रग और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् के प्रमुख के तौर पर वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को 25-27 सितम्बर 2004 को आधिकारिक रूप से पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा कि तहलका का वित्त पोषण करने वाले फर्स्ट ग्लोबल से ‘अनुचित व्यवहार’ नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने पत्र की एक प्रति उन्हें उपलब्ध कराई।
किताब में लिखा है, 'तहलका के व्यक्ति को जो मैं बताने का प्रयास कर रही थी, वास्तव में वह भी वही बात कह रही थीं जो जाल में फंसाने के लिए मुझसे मदद के लिए कह रहा था। एक बार फिर से विडंबना हुई...।' (भाषा)