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Last Modified: सोमवार, 19 दिसंबर 2022 (18:53 IST)

नीरव मोदी को लेकर राज्यसभा में मोदी का दावा, अगले 28 दिनों में आ सकता है भारत

नीरव मोदी को लेकर राज्यसभा में मोदी का दावा, अगले 28 दिनों में आ सकता है भारत - so nirav modi can come to india in next 28 days sushil modi claims
नई दिल्ली। भाजपा के नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार राज्यसभा में दावा किया कि अगर ब्रिटेन ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को शरण नहीं दी तो अगले 28 दिनों के भीतर उसे वापस लाया जा सकता है। उच्च सदन में अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सदस्य ने यह दावा किया।
 
उन्होंने कहा कि जो लोग नीरव मोदी की बात करते थे कि नीरव मोदी भाग गए, कब लौटकर आएंगे? तो सदन को मैं बताना चाहूंगा कि नीरव मोदी के पास ब्रिटेन में जितने भी कानूनी विकल्प थे, वे समाप्त हो चुके हैं।
 
उन्होंने कहा कि हो सकता है यदि यूरोपीय मानवाधिकार अदालत ने उसे राहत या ब्रिटेन ने उसको शरण नहीं दी तो अगले 28 दिनों के भीतर नीरव मोदी भारत लौटकर आ सकते हैं।’’
ज्ञात हो कि नीरव मोदी को पिछले गुरुवार को उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई में तब एक और झटका लगा जब लंदन स्थित उच्च न्यायालय ने उसके प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ उसे ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में अपील करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
 
नीरव मोदी धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मुकदमे का सामना करने के लिए भारत में वांछित है।
 
लंदन में ‘रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस’ में न्यायमूर्ति जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और न्यायमूर्ति रॉबर्ट जे ने अपने फैसले में कहा था कि ‘अपीलकर्ता (नीरव मोदी) की सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति के अनुरोध वाली अर्जी खारिज की जाती है।
 
यह फैसला 51 वर्षीय हीरा व्यापारी की अपील दायर करने की दाखिल अर्जी पर भारत सरकार की ओर से ब्रिटेन की ‘क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस’ (सीपीएस) द्वारा जवाब दायर करने के करीब एक सप्ताह बाद आया। नीरव मोदी मार्च 2019 में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है।
 
अब जब लंदन में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने का नीरव मोदी का प्रयास विफल हो गया है, सैद्धांतिक रूप से, मोदी अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय (ईसीएचआर) में आवेदन कर सकता है। वह इस आधार पर आवेदन कर सकता है कि उसे निष्पक्ष सुनवाई की सुविधा नहीं मिलेगी। भाषा Edited by Sudhir Sharma
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