क्या सांसद भी छोड़ देंगे शिवसेना का साथ? उद्धव ठाकरे को राहुल शेवाले की चिट्ठी से बवाल
मुंबई। शिवसेना के भीतर तूफान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। विधायकों के टूटने के बाद विधानसभा के भीतर कमजोर हुई उद्धव ठाकरे की शिवसेना के ऊपर अब सांसदों के भी टूटने का खतरा मंडराने लगा है। पिछले दिनों भावना गवली के उद्धव ठाकरे को एक पत्र से बवाल मचा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि बागी विधायकों पर उद्धव ठाकरे कार्यवाही न करें और उन्हें वापस लाने के लिए मनाएं। भावना गवली के बाद अब दादर से सांसद राहुल शेवाले ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि उद्धव ठाकरे बीजेपी उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को सपोर्ट करें।
मीडिया खबरों के मुताबिक शिवसेना के 18 में से 11 सांसद एकनाथ शिंदे का साथ दे सकते हैं।
शिवसेना के लोकसभा सदस्य राहुल शेवाले ने मंगलवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से अपील की कि वे अपने सांसदों को राष्ट्रपति चुनाव में राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान करने का निर्देश दें। ठाकरे को लिखे पत्र में दक्षिण मध्य मुंबई के लोकसभा सदस्य शेवाले ने कहा कि राजनीति में आने से पहले मुर्मू शिक्षिका थीं और बाद में वे ओडिशा की मंत्री बनीं और उन्होंने झारखंड के राज्यपाल के तौर पर भी अपनी सेवा दी।
उन्होंने कहा कि उनकी (आदिवासी) पृष्ठभूमि और सामाजिक क्षेत्र में योगदान पर विचार करते हुए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मुर्मू का समर्थन करने की घोषणा करें और उसी के अनुरूप सभी शिवसेना सांसदों को ऐसा करने का निर्देश दें।
शेवाले ने रेखांकित किया कि शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने वर्ष 2007 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी का समर्थन नहीं किया था बल्कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की प्रत्याशी और महाराष्ट्र निवासी प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया।
शेवाले ने कहा कि इसी प्रकार शिवसेना ने वर्ष 2012 में संप्रग के राष्ट्रपति उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया जबकि वह कांग्रेस नीत गठबंधन का हिस्सा नहीं थी। शिवसेना के लोकसभा में 18 और राज्यसभा में 3 सदस्य हैं। मुर्मू को समर्थन देने के मुद्दे पर शिवसेना के बागी गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि राज्य के विधायकों और सांसदों को राजग प्रत्याशी के पक्ष में एकजुट होने की जरूरत है।