बरी होने के बाद बोले शशि थरूर, एक दुःस्वप्न की परिणति हुई
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में अदालत आरोपमुक्त किए जाने के बाद बुधवार को कहा कि उनके साथ न्याय हुआ है, हालांकि उन्हें निराधार आरोपों का सामना करना पड़ा। दिल्ली की एक अदालत ने थरूर को उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की यहां एक होटल में हुई मौत के मामले में बुधवार को आरोपमुक्त कर दिया।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने ऑनलाइन माध्यम से सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया। थरूर ने न्यायाधीश का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बीते साढ़े सात साल 'प्रताड़ना' में बीते और यह फैसला 'बड़ी राहत' लेकर आया है। इस फैसले के बाद थरूर ने एक बयान जारी कर कहा कि मैं न्यायाधीश गीतांजलि गोयलजी का उनके फैसले के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं...। इस फैसले से उस दुःस्वप्न की परिणति हुई जिससे मुझे अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर के निधन के बाद गुजरना पड़ा।
थरूर के मुताबिक मुझे कई निराधार आरोप झेलने पड़े और मीडिया की ओर से भी बदनामी का सामना करना पड़ा, लेकिन मुझे न्यायपालिका में पूरा विश्वास था। मेरे रुख की आज पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि हमारी न्यायिक प्रणाली में प्रक्रिया ही अक्सर सजा बन जाती है। बहरहाल, तथ्य यह है कि न्याय हुआ है और हमारा पूरा परिवार को सुनंदा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेगा। उन्होंने अपने वकीलों का धन्यवाद किया। सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात शहर के एक लग्जरी होटल के एक कमरे में मृत मिली थीं। दंपति होटल में ठहरे हुए थे, क्योंकि उस समय थरूर के आधिकारिक बंगले का नवीनीकरण किया जा रहा था।(भाषा)