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Last Modified: पुणे/ मुंबई , शुक्रवार, 23 अगस्त 2024 (19:40 IST)

शरद पवार की सरकार को नसीहत, महाराष्ट्र में बच्चियों और महिलाओं पर बढ़ रहे हैं अत्याचार

Sharad Pawar
Sharad Pawar's advice to Maharashtra government : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में बच्चियों और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं और गृह विभाग को ऐसे अपराधों पर नजर रखने के लिए सतर्क रहना चाहिए। पवार ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को देखते हुए एमवीए द्वारा आहूत ‘महाराष्ट्र बंद’ को वापस लेने की अपील की।
 
बदलापुर की घटना का जिक्र करते हुए पवार ने कहा कि स्कूल में ऐसा अपराध होना खौफनाक बात है। उन्होंने बदलापुर विरोध प्रदर्शन को राजनीतिक कहने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना की। पवार ने कहा, इस तरह के कृत्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है और सभी ने इसकी मांग की है। राज्य सरकार को ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सतर्क रहना चाहिए। गृह विभाग को जहां भी जरूरत हो, सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बदलापुर कस्बे के एक स्कूल की घटना के बाद राज्यभर में इसी तरह की कई अन्य घटनाएं सामने आई हैं। पवार ने कहा, चाहे छोटी बच्चियां हों या महिलाएं, अत्याचार के ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं। दुर्भाग्य से राज्य में दिन-प्रतिदिन इन घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है और लोग अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए इस पर प्रतिक्रिया कर रहे हैं। 
 
उन्होंने कहा, मैं किसी को दोष नहीं दे रहा हूं, लेकिन हम सभी को ऐसी चीजों को रोकने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से कदम उठाने की जरूरत है...। विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाडी (एमवीए) ने बदलापुर की घटना के विरोध में 24 अगस्त (शनिवार) को ‘महाराष्ट्र बंद’ का आह्वान किया है।
बदलापुर के एक स्कूल में एक पुरुष सहायक ने चार वर्षीय दो बच्चियों का कथित यौन उत्पीड़न किया। इसके विरोध में मंगलवार को हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और रेल पटरियों को अवरुद्ध कर दिया। मुख्यमंत्री शिंदे द्वारा विरोध प्रदर्शन को राजनीतिक बताए जाने पर पवार ने कहा, अगर मुख्यमंत्री इस तरह की बात नहीं करते तो बेहतर होता। लोगों ने बच्चियों पर हुए अत्याचारों खिलाफ प्रतिक्रिया की थी। इसमें कोई राजनीतिक मकसद नहीं था....।
 
बदलापुर के कुछ प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, लोग घटना पर प्रतिक्रिया देने के लिए एक साथ आए। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन फिर भी उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए, गृह विभाग और पुलिस को ऐसी चीजों के प्रति अधिक संवेदनशील होना चाहिए।
इससे पूर्व पवार ने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों से उनकी मांगों के संबंध में मुलाकात की। एमपीएससी ने बृहस्पतिवार को अभ्यर्थियों के विरोध के बीच 25 अगस्त को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा स्थगित कर दी थी।
 
महाराष्ट्र बंद का आह्वान वापस लेने की अपील : बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को देखते हुए, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (एमवीए) द्वारा आहूत ‘महाराष्ट्र बंद’ को वापस लेने की शुक्रवार को अपील की।
 
शनिवार (24 अगस्त) के बंद का आह्वान विपक्षी गठबंधन द्वारा किया गया था, जिसमें राकांपा (एसपी) भी एक घटक है। बंद का आह्वान ठाणे जिले के बदलापुर में एक स्कूल में चार वर्षीय दो बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न के विरोध में किया गया था।
 
पवार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि बंद का आह्वान संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए किया गया था, लेकिन न्यायपालिका का भी सम्मान किया जाना चाहिए। इससे पहले दिन में बंबई उच्च न्यायालय ने राजनीतिक दलों या व्यक्तियों को महाराष्ट्र बंद का आह्वान करने से रोक दिया।
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार बंद को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पवार ने कहा, समय का अभाव होने के कारण उच्च न्यायालय के आदेश (बंद पर) के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करना संभव नहीं है।
भारतीय न्यायपालिका एक संवैधानिक संस्था है और दिए गए आदेश के सम्मान में बंद का आह्वान वापस लिया जाना चाहिए। राज्यसभा सदस्य पवार ने कहा कि बदलापुर स्कूल में हुई शर्मनाक घटना को लेकर जबरदस्त रोष है और लोगों के गुस्से की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए बंद का आह्वान किया गया था। (एजेंसियां)
Edited By : Chetan Gour
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