फिल्म, राजनीति और कंट्रोवर्सी, कौन हैं सायानी घोष, अब किस वजह से हैं सुर्खियों में?
बंगाल फिल्म इडस्ट्रीज में फिल्मों में काम करने वाली सायानी घोष ने ममता बनर्जी की टीएमसी से अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी। लेकिन इसके बाद से वे लगातार विवादों और सुर्खियों में हैं। सबसे पहले वे धार्मिक विवाद के चलते खबरों में आई थीं।
इसके बाद कई बार भाजपा से उनका टकराव हो चुका है। अब एक बार फिर से एक मामले में उनकी गिरफ्तारी से वे चर्चा में हैं। उनके समर्थन में हाल ही में टीएमसी के 12 सांसदों का प्रतिनि एक प्रतिनिधि मंडल दिल्ली पहुंचा और त्रिपुरा में पुलिस की बर्बरता की शिकायत करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के लिए समय मांगा।
आइए जानते हैं कौन हैं सायानी घोष और क्या रहा है उनका अब तक का फिल्मी और राजनीतिक सफर।
फिल्म, राजनीति और विवाद सायानी का सफर
27 जनवरी, 1993 को कोलकाता में जन्मीं सायानी घोष ने बंगाली फिल्मों और धारावाहिकों से अपनी पहचान बनाई। टेलिविजन पर इच्छे दाना धारावाहिक और बड़े पर्दे पर नोटोबोर नॉटआउट फिल्म से कदम रखा।
अपने फिल्मी करियर में राज चक्रवर्ती समेत कई अभिनेताओं के साथ काम किया। सिगिंग के अलावा सायानी 2013 और 2014 में जलसा मूवीज के लिए कलकत्ता फुटबॉल लीग की सह-मेजबानी भी कर चुकी हैं।
सायानी जनवरी, 2021 में चर्चा में आईं। इसकी वजह था एक धार्मिक विवाद। सायानी पर हिन्दू भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा। इस विवाद के कारण सोशल मीडिया पर सायानी को काफी आलोचनाएं भी झेलनी पड़ी थीं।
चुनाव में हार के बाद वे तृणमूल कांग्रेस की युवा शाखा की अध्यक्ष भी बनाई गईं। मार्च, 2021 में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में आसनसोल दक्षिण सीट ने सायानी को TMC की ओर से टिकट दिया गया। चुनाव में सायानी का मुकाबला भाजपा उम्मीदवार अग्निमित्र पॉल से था। चुनाव में सायानी हार गईं, लेकिन पार्टी ने इन्हें बड़ा पद दिया। अभिषेक बनर्जी को हटाए जाने के बाद जून 2021 में सायानी को तृणमूल कांग्रेस की युवा शाखा का अध्यक्ष बनाया गया।
दरअसल, 20 नवम्बर को टीएमसी नेत्री सायानी घोष उस क्षेत्र से गुजर रही थीं, जहां मुख्यमंत्री बिप्लव देव सभा कर रहे थे। यहीं भाजपा और टीएमसी के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हुई। सायानी ने ट्वीट करके कहा था कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने हम पर हमला किया। पुलिस ने हिट एंड रन और हत्या करने की कोशिश करने की धाराओं में केस दर्ज किया। जबकि दूसरी तरफ भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सायानी ने मुख्यमंत्री बिप्लव देव की सभा में बाधा पहुंचाई। धमकी दी और खेला होबे के नारे लगाए।