तिरुपति विवाद पर बोले शंकराचार्य, सरकार के पास ना हो मंदिरों का प्रबंधन
गुवाहाटी से चातुर्मास करने के बाद मथुरा आए शंकराचार्य ने कहा कि यह लोगों की धार्मिक भावनाओं पर सीधा हमला है। दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मंदिरों का प्रशासन सरकार के हाथ में नहीं होना चाहिए।
इससे पहले उत्तराखंड स्थित ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों को दिये जाने वाले 'प्रसादम्' में कथित रूप से जानवरों की चर्बी मिली होने की घटना पर तल्ख टिप्पणी करते हुए इसके लिये सम्पूर्ण मंदिर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
मंदिरों में क्षमा अनुष्ठान : वाईएसआर कांग्रेस पार्टी प्रमुख वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी 28 सितंबर को तिरुमला पहाड़ी पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर जाएंगे और पूजा-अर्चना करेंगे। यह पार्टी द्वारा आयोजित राज्यव्यापी मंदिर अनुष्ठान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू द्वारा तिरुपति लड्डू पर आरोप लगाकर किए गए पाप का प्रायश्चित करना है।
वाईएसआरसीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करेंगे। उनके शुक्रवार, 27 सितंबर की रात को तिरुमला पहुंचने की उम्मीद है और अगले दिन, 28 सितंबर को वे भगवान वेंकटेश्वर की पूजा-अर्चना करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'चंद्रबाबू द्वारा किए गए इस पाप को धोने के लिए वाईएसआरसीपी शनिवार 28 सितंबर को मंदिरों में राज्यव्यापी अनुष्ठानों का आह्वान कर रही है
रेड्डी की यह अपील ऐसे समय में आई है जब कुछ दिन पहले ही नायडू ने राजग विधायक दल की बैठक में आरोप लगाया था कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया। इन आरोपों ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर विवाद को जन्म दे दिया।
Edited by : Nrapendra Gupta