शिवसेना पर सियासी घमासान, संजय राउत का दावा- 2000 करोड़ खर्च कर हमसे छीना धनुष-बाण
मुंबई। चुनाव आयोग द्वारा शिंदे गुट को शिवसेना और धनुष-बाण सौंपने के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है। इस फैसले से जहां भाजपा और शिंदे गुट के नेता बेहद खुश हैं तो उद्धव समर्थक नेता खासे नाराज नजर आ रहे हैं। इस बीच शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने दावा किया कि हमसे तीर-बाण चुनाव निशान और नाम छीनने के लिए 2000 करोड़ का लेन-देन हुआ है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, 'मुझे यकीन है... चुनाव चिन्ह और नाम हासिल करने के लिए अब तक 2000 करोड़ के सौदे और लेन-देन हो चुके हैं... यह प्रारंभिक आंकड़ा है और 100 फीसदी सच है.. जल्द ही कई बातों का खुलासा होगा.. देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था।'
धनुष-बाण चुराने वालों का सामना मशाल से : इससे पहले संजय राउत ने कहा था कि बीजेपी शिवसेना पर वोट के लिए उसके नाम का इस्तेमाल करने का आरोप लगा रही है। अब वे वोट के लिए बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए उन्होंने हमारा 'धनुष-बाण' चुराया है। शिवसेना कोई साधारण पार्टी नहीं है, हम हमेशा रहेंगे और भविष्य में फिर से सत्ता में आएंगे।
खुद उद्धव ठाकरे ने भी फैसले पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए अपने समर्थकों से कहा कि पार्टी का 'धनुष-बाण' चिह्न चुरा लिया गया है और चोर को सबक सिखाने की जरूरत है। वे पकड़े गए हैं। मैं चोर को धनुष-बाण के साथ मैदान में आने की चुनौती देता हूं और हम इसका मुकाबला मशाल से करेंगे।
क्या है उद्धव ठाकरे गुट के सामने चुनौतियां : उद्धव ठाकरे गुट के सामने अब तीन तरह की राजनीतिक चुनौतियां होंगी, पहली अपनी खोई हुई पहचान को फिर से हासिल करना, दूसरी अपनी पुरानी शिवसेना से अलग हुए शिंदे गुट से निपटना जो ठाकरे के हर पैंतरे और दाव को जानते हैं। तीसरा उस भाजपा से निपटना जो बीते दिनों महाराष्ट्र में शिवसेना के छोटे भाई के तौर पर रही है और अब केंद्र से लेकर ज्यादातर जगहों पर बहुत मजबूत स्थिति में है।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका देते हुए शिवसेना नाम एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया है। आयोग के इस फैसले के बाद पार्टी का चुनाव चिह्न 'धनुष-बाण' पर भी एकनाथ शिंदे गुट का ही अधिकार होगा।
चुनाव आयोग ने अपने फैसले में कहा कि शिंदे गुट के पास ज्यादा सांसद और विधायक हैं। अत: इस गुट के पास बहुमत है। इसलिए आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना माना।
Edited by : Nrapendra Gupta