95 साल की उम्र में पंजाब के पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल का निधन, 2 दिनों का राष्ट्रीय शोक, 27 अप्रैल को होगा अंतिम संस्कार
- केंद्र ने घोषित किया दो दिन का राष्ट्रीय शोक
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27 अप्रैल को होगा अंतिम संस्कार
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प्रकाश सिंह बादल देश के सबसे अनुभवी और बुजुर्ग नेता थे
मोहाली। Parkash Singh Badal passes away : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के कद्दावर नेता एवं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार रात यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। बादल ने 8.20 बजे आखिरी सांस ली। वे 95 वर्ष के थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने पर लगभग एक हफ्ता पहले फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बादल 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित मंत्रियों और नेताओं ने बादल के निधन पर शोक जताया। केंद्र सरकार ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के सम्मान में 26, 27 अप्रैल को पूरे देश में दो-दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की।
27 अप्रैल को होगा अंतिम संस्कार : बुधवार को सुबह 10 बजे उनका पार्थिव शरीर शिरोमणि अकाली दल के चंडीगढ़ के सेक्टर-28 स्थित पार्टी ऑफिस ले जाया जाएगा, जहां दोपहर 12 बजे तक आम लोग दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद अंतिम यात्रा चंडीगढ़ से शुरू होकर गांव बादल तक जाएगी।
इस दौरान रास्ते में राजपुरा, पटियाला और उसके बाद संगरूर होते हुए बरनाला, रामपुरा फूल बठिंडा होते हुए बादल गांव पहुंचेगी। जहां गुरुवार 27 अप्रैल को दोपहर 1 बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बादल की पत्नी सुरिंदर कौर का 75 वर्ष की उम्र में 24 मई 2011 को निधन हो गया था। वे कैंसर से पीड़ित थीं। श्री बादल का जन्म 8 दिसम्बर 1927 को पंजाब के छोटे से गांव अबुल खुराना के जाट सिख परिवार में हुआ था।
शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल उनके बेटे हैं। वे पंजाब के उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बादल की बहू एवं सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार के पिछले कार्यकाल में मंत्री भी रह चुकी हैं।
पीएम ने जताया दु:ख : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बादल के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि बादल ने न सिर्फ पंजाब की प्रगति के लिए अथक प्रयास किये, बल्कि देश के विकास में भी बहुत योगदान दिया।
बादल के निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि प्रकाश सिंह बादल के निधन से अत्यंत दुखी हूं। वह भारतीय राजनीति के एक विशाल व्यक्तित्व और एक उल्लेखनीय राजनेता थे। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास में बहुत योगदान दिया। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक प्रयास किया और महत्वपूर्ण समय के दौरान राज्य को नेतृत्व दिया।”
मोदी ने कहा कि मुझे उनसे कई बातचीत याद है, जिसमें उनकी बुद्धिमत्ता हमेशा स्पष्ट रूप से झलकती थी। उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति संवेदना।”
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी शोक जताते हुए कहा कि प्रकाश सिंह बादल का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि बादल का बेमिसाल राजनीतिक अनुभव सार्वजनिक जीवन में बहुत मददगार साबित हुआ।
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बादल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह माटी के लाल थे और हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहे।
सिंह ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल जी एक कद्दावर राजनेता थे जिन्होंने कई दशकों तक पंजाब की राजनीति में महत्वपर्ण भूमिका निभाई। अपने लंबे राजनीतिक और प्रशासनिक जीवन में, उन्होंने किसानों और हमारे समाज के अन्य कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई उल्लेखनीय योगदान दिए।”
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी बादल के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जी के निधन से काफी दुखी हूं। पंजाब ने एक महान दूरदर्शी नेता खो दिया है, जिन्होंने पंजाब के विकास में बहुत योगदान दिया। उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं।”
विपक्षी नेताओं ने जताया शोक : कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और विपक्ष के कई अन्य नेताओं ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन पर गहरा शोक जताया और सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को याद किया।
खरगे ने ट्वीट किया कि प्रकाश सिंह बादल जी भारतीय राजनीति के कद्दावर नेता थे। यद्यपि हमारे बीच वैचारिक मतभेद थे, उन्होंने अपनी सरलता और कार्यकर्ताओं के प्रति वफादारी के चलते पंजाब के लोगों में बहुत सम्मान अर्जित किया था। कई बार मुख्यमंत्री रहे। उनके परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।"
राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष सरदार प्रकाश सिंह बादल जी के निधन का समाचार दुखद है। वह आजीवन भारत और पंजाब की राजनीति के एक कद्दावर नेता रहे।"
उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल समेत उनके सभी शोकाकुल परिजनों और समर्थकों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।'
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादलजी के निधन की बेहद दुखद जानकारी मिली। वाहेगुरू जी उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें। मेरी संवेदनाएं सुखबीर बादल जी एवं उनके पूरे परिवार के साथ हैं।"
जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह ने ट्वीट किया, "देश के वयोवृद्ध राजनीतिज्ञ, शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जी के निधन की खबर अत्यंत दुखद है। उनके निधन से देश ने एक संघर्षशील नेता खो दिया है।"
उन्होंने कहा कि ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शान्ति और शोकाकुल परिजनों के लिए दुःख सहने की शक्ति की कामना करता हूं।"
सबसे कम उम्र के सरपंच : बादल ने देश की आजादी के समय 1947 से राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने सबसे पहले सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उस समय वह सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे।
वर्ष 1957 में उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव जीता था। वर्ष 1969 में वह दोबारा विधायक बने और 1969-70 में पंचायतीराज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री रहे।
वे 1970-71, 1977-80 और 1997-2002 में तथा इसके बाद एक मार्च 2007 से 2017(दो बार) यानि कुल पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। वे वर्ष 1972, 1980 और 2002 में विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे थे। बादल केंद्र में प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई सरकार में सांसद एवं मंत्री भी रहे।
बादल 2022 में विधानसभा का चुनाव हार गए थे। यह उनके राजनीतिक जीवन की पहली हार थी। वह अधिक उम्र के कारण चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन बेटे सुखबीर बादल के आग्रह और पंजाब में शिअद की कमजोर स्थिति को देखते हुए वह चुनाव मैदान में उतरे। इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ने वाले वह सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार थे। इसके बाद वे राजनीतिक तौर पर निष्क्रय हो गए थे।
अस्पताल ने दिया बीमारी का विवरण : अस्पताल ने बादल के निधन के कुछ समय बाद एक चिकित्सा बुलेटिन जारी किया, जिसमें उनकी बीमारी को लेकर विवरण था। बुलेटिन के अनुसार पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल को 16 अप्रैल 2023 को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में तीव्र ब्रांकिअल अस्थमा के लक्षण के साथ भर्ती कराया गया था।
उन्हें सांस लेने में हो रही तकलीफ के बाद 18 अप्रैल को आईसीयू में स्थानांतरित किया गया। उन्हें नॉन इवेसिव वेंटिलेशन और अन्य चिकित्सा प्रबंधन के साथ आईसीयू में ही रखा गया।
कार्डियोलॉजी द्वारा समर्थित पल्मोनोलॉजी और क्रिटिकल केयर टीम के साथ प्रोफेसर (डॉ.) दिगंबर बेहरा की निगरानी में उनके स्वास्थ्य का प्रबंधन किया जा रहा था। बुलेटिन में कहा गया कि उचित चिकित्सीय प्रबंधन के बावजूद बीमारी के कारण उनका निधन हो गया।
बादल अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में थे और डॉक्टर उनकी स्वास्थ्य स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे थे। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को दिन में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। सोमवार शाम को जारी एक बुलेटिन में, निजी अस्पताल ने कहा था कि प्रकाश सिंह बादल मेडिकल आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) में निगरानी में हैं
एक सूत्र ने सोमवार को कहा था कि उन्हें इस समय सांस लेने में गंभीर कठिनाई हो रही थी और अधिक उम्र होने के कारण वह सांस की समस्या से उबर नहीं पा रहे थे। एजेंसियां