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Last Updated : गुरुवार, 10 सितम्बर 2020 (23:58 IST)

कंगना से मिले रामदास आठवले, बोले- डरने की जरूरत नहीं, मुंबई सबकी है...

kangana ranaut | कंगना से मिले रामदास अठावले, बोले- डरने की जरूरत नहीं, मुंबई सबकी है...
मुंबई। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने गुरुवार को अभिनेत्री कंगना रनौत से मुलाकात की जो मुंबई और यहां की पुलिस पर अपने बयानों को लेकर विवाद में हैं। आठवले ने कहा कि मैंने अभिनेत्री कंगना रनौत से 1 घंटे तक बात की। मैंने उनको बताया कि आपको मुंबई में डरने की जरूरत नहीं है। मुंबई शिवसेना की भी है, बीजेपी की है, कांग्रेस की है। मुंबई सभी धर्म, जाति और भाषाओं के लोगों की है। यहां सबको रहने का अधिकार है।
 
बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा कंगना के बंगले पर ‘अवैध’ निर्माण गिराने की कार्रवाई के एक दिन बाद आठवले ने उपनगर खार स्थित कंगना के आवास पर उनसे मुलाकात की। केंद्र में सत्तारूढ़ राजग में शामिल आरपीआई (ए) के नेता ने अभिनेत्री का समर्थन किया था और बुधवार को उनके मुंबई हवाईअड्डे पर पहुंचने पर सुरक्षा प्रदान करने की पेशकश की थी।
हालांकि केंद्रीय मंत्री ने इससे पहले कहा था कि वे इस मुद्दे पर शिवसेना से झगड़े के बीच रनौत द्वारा दिए गए बयानों से सहमत नहीं हैं। कंगना रनौत ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से की थी।
 
शिवसेना के नियंत्रण वाली बीएमसी ने बुधवार सुबह कंगना के बांद्रा स्थित बंगले पर ‘अवैध निर्माण’ को गिराने की कार्रवाई शुरू की थी। हालांकि इसके कुछ ही देर बाद अदालत से कंगना को राहत मिल गई थी और बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई।
कंगना के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज : मुंबई महानगर के एक सामाजिक कार्यकर्ता और एक अधिवक्ता ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ कथित रूप से अभद्र भाषा का प्रयोग करने के लिए बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ गुरुवार को थाने में दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई। इसके अलावा एक वकील नितिन माने तथा एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता रघुराज देशपांडे ने भी इसी तरह की शिकायत दर्ज करायी है।
अधिवक्ता माने ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि बुधवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कंगना के वीडियो से मुख्यमंत्री की छवि धूमिल हुई है जबकि उपनगर बांद्रा में कंगना के कार्यालय में तोड़-फोड़ किए जाने से मुख्यमंत्री का कोई सीधा संबंध नहीं है।

देशपांडे ने अपनी ऑनलाइन शिकायत में कहा कि सुश्री रनौत ने बुधवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में ठाकरे के खिलाफ ‘भड़काऊ और अपमानजनक शब्दों’ का इस्तेमाल किया और ऐसा करते हुए मुख्यमंत्री पद की गरिमा को चोट पहुंचाने की कोशिश की।
मंत्री ने बताया पब्लिसिटी स्टंट : महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव जयंत पाटिल ने मुंबई और मुंबई पुलिस के बारे में कंगना रनौत के ट्वीट को ‘पब्लिसिटी स्टंट’ करार दिया है।

पाटिल ने कहा कि मुंबई और महाराष्ट्र महिलाओं की सुरक्षा और उदारता के लिए देश में एक उदाहरण है। इसके बावजूद कुछ लोग खुश नहीं है, यह बहुत दुखद है। 
 
उन्होंने कहा कि इस सुरक्षित शहर और यहां की पुलिस बल की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से तुलना करना बेहद निंदनीय है। हमारी मां मुंबई बिना किसी भेदभाव के सभी को गले लगाती है। मुंबई का सम्मान और प्रदेश में इसके सबसे ऊंचे दर्जे को कायम रखना हमारा कर्तव्य है।
  
उद्धव ठाकरे पर फिर साधा निशाना : कंगना रनौत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमले तेज कर दिए। उनका नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि वे (ठाकरे) कुछ नहीं, सिर्फ़ वंशवाद का एक नमूना भर हैं।
कंगना ने कई ट्वीट किये। उन्होंने किसी के नाम का उल्लेख किये बिना लिखा कि तुम्हारे पिताजी के अच्छे कर्म तुम्हें दौलत तो दे सकते हैं मगर सम्मान तुम्हें खुद कमाना पड़ता है, मेरा मुंह बंद करोगे मगर मेरी आवाज़ मेरे बाद सौ फिर लाखों में गूंजेगी, कितने मुंह बंद करोगे? कितनी आवाज़ें दबाओगे? कब तक सच्चाई से भागोगे तुम कुछ नहीं हों सिर्फ़ वंशवाद का एक नमूना हो। 
कंगना ने आगे कहा कि मैं इस बात को विशेष रूप से स्पष्ट करना चाहती हूं कि महाराष्ट्र के लोग सरकार द्वारा की गई गुंडागर्दी की निंदा करते हैं, मेरे मराठी शुभचिंतकों के बहुत फ़ोन आ रहे हैं, दुनिया या हिमाचल में लोगों के दिल में जो दुःख हुआ है, वे यह कतई ना सोचें कि मुझे यहां प्रेम और सम्मान नहीं मिलता। महाराष्ट्र सरकार की इस काली करतूत से दुनिया में मराठी संस्कृति और गौरव को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए। जय महाराष्ट्र।

राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र : हिमाचल प्रदेश महिला आयोग ने राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को एक चिट्ठी लिख कर अनुरोध किया कि वह अभिनेत्री कंगना रनौत के 'उत्पीड़न' का मुद्दा उचित प्राधिकारियों के समक्ष उठाए।

एनसीडब्ल्यू को लिखे पत्र में प्रदेश महिला आयोग के सदस्य सचिव संदीप नेगी ने कहा कि उन्होंने बीएमसी, मुंबई पुलिस और राजनीतिक नेताओं द्वारा रनौत के 'उत्पीड़न की घटनाओं' पर मीडिया में आई खबरों का स्वतः संज्ञान लिया है। पत्र की एक प्रति महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की सदस्य सचिव को भी भेजी गई है।
(भाषा/वार्ता इनपुट) (All photos: UNI)