पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले 1 महीने से हड़ताल करे रहे जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया है। राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने पश्चिम बंगाल 'जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट' को 'ईमेल' के ज़रिए दी है। क्या ममता बनर्जी 1 महीने से हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स को मना पाएंगी। आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त को एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने सरकारी अस्पतालों में काम बंद कर रखा है।
ईमेल में पंत ने जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधियों को मुख्मयंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित घर पर आने को कहा है। पंत ने लिखा है कि ये 5वीं और अंतिम बार है जब हम आपको मुख्यमंत्री से चर्चा करने बुला रहे हैं ताकि खुले मन से वार्ता हो सके। पंत ने साफ किया है कि इस बैठक को लाइव स्ट्रीम नहीं होगी और न ही वीडियोग्राफी होगी। पंत ने लिखा है कि मीटिंग के मिनट्स डॉक्टरों के प्रतिनिधियों से साझा किए जाएंगे। पिछली बात कालीघाट पर डॉक्टरों से सीएम की बातचीत नहीं हो पाई थी।
डॉक्टर्स ने सोमवार को पुष्टि की कि वे आरजी कर अस्पताल मामले में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर होने वाली बैठक में भाग लेने के इच्छुक हैं। शाम में ई-मेल का जवाब देते हुए प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा, देश के कानून का पालन करने वाले नागरिक होने के नाते हम इस बैठक में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। लेकिन अगर बैठक का स्थान आधिकारिक और प्रशासनिक होता, तो यह वास्तव में सराहनीय होता, क्योंकि मामला शासन से जुड़ा हुआ है।
डॉक्टरों ने कहा कि आरजी कर मामले में सीबीआई द्वारा ताला पुलिस स्टेशन के ओसी की गिरफ्तारी से बैठक की पारदर्शिता का महत्व पहले से भी अधिक बढ़ गया है। आंदोलनकारी डॉक्टरों ने कहा कि हम इस बात पर जोर देना चाहेंगे कि बैठक की वीडियोग्राफी दोनों पक्षों के अलग-अलग वीडियोग्राफर द्वारा की जाए।
अगर आपकी तरफ से ऐसा करना संभव न हो, तो बैठक की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग डॉक्टर प्रतिनिधियों को सौंप दी जाए। अगर ऐसा करना संभव न हो, तो बैठक की कार्यवाही का पूरा विवरण तैयार किया जाए तथा सभी उपस्थित लोगों द्वारा हस्ताक्षर कर बैठक के अंत में इसकी प्रतियां सौंप दी जाएं।
जांच को लेकर क्या बोले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी : कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आरजी कर अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किए गए ताला पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल का समर्थन करते हुए सोमवार को कहा कि उन्होंने प्रारंभिक जांच पारदर्शी तरीके से की थी।
कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त वी सोलोमन नेसाकुमार ने कोलकाता पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंडल के परिवार से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
नेसाकुमार ने संवाददाताओं से कहा, हमने अभिजीत मंडल के परिवार से मुलाकात की। हमने उनकी पत्नी से बात की और उन्हें बताया कि पुलिस विभाग एक परिवार की तरह उनके साथ खड़ा है और हरसंभव सहायता प्रदान करेगा।
सीबीआई ने शनिवार को ताला थाने के प्रभारी को ड्यूटी पर तैनात एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु के बलात्कार और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया, जिसका शव नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार रूम में मिला था।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ताला थाना के अधिकार क्षेत्र में आता है। केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी के अनुसार, मंडल पर सबूतों से छेड़छाड़, प्राथमिकी दर्ज करने में देरी और अन्य संबंधित अपराधों के आरोप हैं।
नेसाकुमार ने कहा, व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि वह (मंडल) दोषी नहीं हैं। मंडल ने जो कुछ भी किया, अच्छे इरादे से किया। वह कम से कम समय में घटनास्थल पर पहुंचे, पारदर्शी जांच की और न्याय के हित में काम किया।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर मामले की जांच कर रहे सीबीआई ने मंडल के साथ-साथ अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया है। घोष को इससे पहले अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इनपुट भाषा