वायनाड में रेस्क्यू ऑपरेशन का 5वां दिन, मलबे में जिंदगी तलाशने जुटे 1,300 से अधिक बचावकर्मी
Wayanad landslide : केरल (Kerala) के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित (landslide hit) वायनाड जिले में तलाश अभियान शनिवार को 5वें दिन भी जारी है। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए 1,300 से अधिक बचावकर्मियों, भारी मशीनों और अत्याधुनिक उपकरणों को क्षेत्र में तैनात किया गया है।
वायनाड में मंगलवार को तड़के भारी बारिश के बाद बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 210 लोगों की मौत हो गई और 273 अन्य घायल हो गए। लगभग 300 लोगों के लापता होने की आशंका है। तलाश एवं बचाव अभियान के संचालन में विशेषज्ञता रखने वाली निजी कंपनियां और स्वयंसेवक भी सेना, पुलिस और आपातकालीन एजेंसियों के नेतृत्व वाले अभियान में हिस्सा ले रहे हैं।
भूस्खलन के कारण मुंडक्कई और चूरलमाला के आवासीय क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बड़े पत्थर और पेड़ गिरे हैं, जिससे मलबे के नीचे फंसे लोगों का पता लगाने में मुश्किल हो रही है। जिला प्रशासन ने शुक्रवार को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों को अलग-अलग जोन में विभाजित किया था, जीपीएस की मदद से उन संभावित जगहों का मानचित्रण किया था जहां बचाव कार्य की जरूरत है, हवाई मार्ग से तस्वीरें ली थीं और सेल फोन का लोकेशन डेटा एकत्र किया था।
प्रशासन ने मलबे के नीचे दबे शवों की तलाश के लिए गहराई से सिग्नल एकत्र करने वाले रडार और खोजी कुत्तों की मदद ली। मलबे से निकाले जाने वाले जीवित लोगों की मदद के लिए क्षेत्र में बड़ी संख्या में चिकित्सक और एंबुलेंस तैनात की गई हैं।
सेना का बनाया 190 फुट लंबा बेली पुल गुरुवार को वायनाड जिला प्रशासन को सौंप दिया गया और यह बचाव अभियान में महत्वपूर्ण साबित हुआ है। इससे भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में भारी मशीनें और एम्बुलेंस भेजना संभव हो पाया है। वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड जिलों से होकर बहने वाली चालियार नदी के 40 किलोमीटर के इलाके में भी बचाव अभियान जारी है। इस नदी और उसके किनारों से सौ से अधिक शव और शरीर के अंग बरामद किए गए हैं।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta