• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. rampal satlok ashram hisar
Written By
Last Updated : बुधवार, 17 अक्टूबर 2018 (15:32 IST)

सजा मिलने पर फूट-फूटकर रोया करोड़ों के साम्राज्य का ‍मालिक रामपाल, सतलोक आश्रम में थीं पांच सितारा सुविधाएं...

सजा मिलने पर फूट-फूटकर रोया करोड़ों के साम्राज्य का ‍मालिक रामपाल, सतलोक आश्रम में थीं पांच सितारा सुविधाएं... - rampal satlok ashram hisar
हिसार के सतलोक आश्रम के मुखिया और विवादित बाबा रामपाल को हत्या के दो और मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। ऐशोआराम की जिंदगी जीने वाला रामपाल अब जीवन के बचे पल जेल में ही बिताएगा। कभी अपने अनुयायियों के लिए 'भगवान' कहलाने वाला रामपाल सजा सुनाए जाने पर जेल में ही फूट-फूटकर रो पड़ा। इससे पहले मंगलवार को कोर्ट ने एक अन्य मामले में रामपाल को मरते दम तक जेल की सजा सुनाई थी।
 
जज के आगे गिड़गिड़ाया : सजा सुनते ही रामपाल सिर पकड़कर फूट-फूटकर रोने लगा। उसने जज से कहा, आप तो कबीर भक्त हो थोड़ा रहम कर लेते। जज ने कुछ नहीं कहा और उठकर चल दिए। दरअसल, जज ने सुनवाई के पहले रामपाल से कहा था कि वे कबीर के अनुयायी हैं।
 
करीब 100 करोड़ के साम्राज्य का मालिक : रामपाल का धार्मिक साम्राज्य करोड़ों रुपए का था। रामपाल के पास आलीशान सुविधाएं और कई लग्जरी कारें थीं। रामपाल के 'सतगुरु रामपालजी महाराज' नाम के डेरे की कीमत करीब 100 करोड़ रुपए आंकी गई है। जिसमें ऐशोआराम की सुविधाओं पर खुलकर पैसा बहाया गया।
 
 
फाइव स्टार सुविधाओं वाला आश्रम : रामपाल का आश्रम करीब 12 एकड़ में फैला था। आश्रम में सुविधाएं 5 स्टार होटल सी थीं। आश्रम में मौजूद पांच मंजिला घर में 25 मीटर लंबा स्वीमिंग पूल और 24 एयरकंडीशंड कमरे, मसाज बेड, कमरों में LED टीवी और जिम इक्विपमेंट थे। रामपाल के पास लग्जरी कारें थीं, जिसमें बीएमडब्‍ल्‍यू और मर्सिडीज भी शामिल थीं। आश्रम में किंग साइज बाथरूम भी था। वहां अस्पताल और उसमें ऑपरेशन थिएटर भी था।
 
 
बुलेटप्रूफ केबिन से देता था प्रवचन : रामपाल जिस आलीशान आसन पर बैठता था, उसमें हाइड्रोलिक कुर्सी थी, जिसके जरिए वह एक जगह से दूसरी जगह निकल आता था। यह कुर्सी बुलेटप्रूफ कैबिन में फिक्स थी। हाइड्रोलिक कुर्सी की कीमत लगभग 12 लाख रुपए तक बताई जाती है। वह अपने अनुयायियों को बुलेटप्रूफ कैबिन से प्रवचन देता था।
 
बनाना चाहता था अलग धर्म : रामपाल अपना अलग धर्म बनाना चाहता था। इसके लिए उसके कबीरपंथी अनुयायियों ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को पत्र भी लिखा था और उन्हें अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा देने की मांग की थी। इस पत्र को निरस्त करते हुए जवाब दिया गया था कि कबीरपंथी कोई अलग धर्म नहीं है और इसका अनुयायी कोई भी हो सकता है।
 
 
मिला था हथियारों का जखीरा : 2014 में रामपाल की गिरफ्तारी के बाद सतलोक आश्रम में पुलिस ने जब सर्च अभियान चलाया तो उसे करोड़ों की खाद्य सामग्री मिली थी। पुलिस को दो तिजोरियां मिलीं, जिनमें 32 बोर रिवॉल्‍वर्स, 315 बोर राइफल्स और 12 बंदूकें शामिल थीं। पुलिस को गोला-बारूद समेत कुछ इस्तेमाल की गई सेल्फ लोडिंग राइफलों (SLR) समेत कुल 303 राइफलें मिली थीं, जिनमें ज्यादातर हथियार बैग में भरकर, अलमारियों में गुप्त कमरों में रखे थे। रामपाल ने कमांडो सेना भी बना रखी थी। प्रवचन के दौरान उसके इर्दगिर्द बंदूकधारी सुरक्षा में रहते थे। 
 
कौन-कौन हैं रामपाल के परिवार में : रामपाल के परिवार में उसकी पत्नी नारो देवी और दो बेटे और बेटियां हैं। सभी विवाहित हैं। फैसला आने से चार-पांच दिन पहले रामपाल से मुलाकात करने के लिए उसकी बेटी अंजू, भतीजा अमित, दोषी बेटे वीरेंद्र की बहू शीला और पोती हिसार की जेल में पहुंचे थे।