राम मंदिर ट्रस्ट ही बन सकता है राम मंदिर बनने की राह में रोड़ा?
अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने जिस राम मंदिर ट्रस्ट को बनाया है, वही राम मंदिर ट्रस्ट अब राम मंदिर बनाने में रोड़ा बन सकता है। एक ओर राम मंदिर ट्रस्ट में हिस्सेदारी को लेकर अयोध्या के साधु-संतों ने मोर्चा खोल दिया है तो दूसरी ट्रस्ट को कोर्ट में चुनौती देने की भी तैयारी की जा रही है।
15 सदस्यीय राम मंदिर ट्रस्ट में राम मंदिर आंदोलन से जुड़े संतों को दरकिनार करने और अयोध्या के बाहर के संतों को शामिल किए जाने को लेकर स्थानीय साधु-संत नाराज हो गए हैं। संतों की नाराजगी की मुख्य वजह राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास को भी ट्रस्ट में नहीं शामिल करने को लेकर है। ट्रस्ट के सदस्यों के नाम सामने आने आने के बाद अयोध्या में लगातार साधु-संतों की बैठकों का सिलसिला जारी है।
रामलला के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास ने ट्रस्ट में शामिल सदस्यों के नाम पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जैसे अन्य प्रातों के संतों को लिया गया है, वैसे ही अयोध्या के संतों को भी लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट में नहीं शामिल नहीं करने पर संतों में भारी नाराजगी है।
वहीं खुद नृत्यगोपाल दास ने भी ट्रस्ट में अयोध्या के साधु-संतों को नहीं शामिल किए जाने पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि ट्रस्ट के माध्यम से अयोध्या के संतों का अपमान किया गया है। संतों की नाराजगी सामने आने के बाद अब भाजपा डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। गुरुवार को स्थानीय विधायक और अयोध्या के महापौर जब नृत्यगोपाल दास से मिलने पहुंचे तो उनको अंदर आने से रोक दिया गया। इस बीच आई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने राम मंदिर ट्रस्ट में नृत्यगोपाल दास को शामिल करने के संकेत दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत केंद्र सरकार ने जिस राम मंदिर ट्रस्ट का निर्माण किया है, उसमें राम मंदिर आंदोलन से जुड़े साधु-संतों को नहीं शामिल करके अयोध्या के राजपरिवार के वंशज विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र और होम्योपैथिक डॉक्टर और संघ के अवध प्रांत के कार्यवाह अनिल मिश्र को शामिल किया गया है। ट्रस्ट में विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को शामिल करने को लेकर संतों में बेहद नाराजगी है। बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके विमलेंद्र मोहन को लेकर संत अब आर-पार की लड़ाई के मूड में दिखाई दे रहे हैं।
वहीं राम मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ रामालय ट्रस्ट की तरफ से कोर्ट जाने की तैयारी भी हो रही है। रामालय ट्रस्ट के सचिव और शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि वे ट्रस्ट के खिलाफ कोर्ट में अपील करेंगे। अगर यह पूरा मामला फिर कोर्ट में जाता है तो फिर अयोध्या में राम मंदिर की निर्माण में और देरी होना तय है और राम मंदिर ट्रस्ट ही राम मंदिर की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बन सकता है।