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Last Modified: बुधवार, 29 मई 2024 (09:53 IST)

राजकोट गेम जोन के मालिक की जलकर मौत, इस तरह हुई शव की पहचान

राजकोट गेम जोन के मालिक की जलकर मौत, इस तरह हुई शव की पहचान - rajkot game zone owner prakash hiran burnt to death
Rajkot game zone fire : राजकोट गेम जोन हादसे में लगी आग में 28 लोगों की मौत हो गई। मारे गए लोगों में TRP गेम जोन के मालिक प्रकाश हिरन भी शामिल थे। मां के डीएनए सैंपल के मिलान के बाद हिरन की मौत की भी पुष्‍टि हुई। वह इस गेम जोन में सबसे ज्यादा प्रॉफिट का हिस्सेदार था। ALSO READ: Rajkot Game Zone Fire : हाईकोर्ट ने राजकोट नगर पालिका को लगाई फटकार, कहा- राज्य मशीनरी पर भरोसा नहीं
 
आग लगने के बाद से ही प्रकाश लापता था। उसका फोन भी स्विच ऑफ था। उसके भाई के आग्रह पर डीएन सैंपल से मिलान के बाद उसकी मौत की पुष्‍टि हो गई।
 
उल्लेखनीय है कि शनिवार को टीआरपी गेम जोन में आग लगने से 12 बच्चों समेत 28 लोग मारे गए थे। सभी शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी। पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया है। अदालत ने उन्हें 14 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है।
 
सीढ़ियों पर वेल्डिंग करते समय अचानक चिंगारी भड़क उठी, हालांकि दूसरी और तीसरी मंजिल पर मौजूद लोगों के लिए बचने का कोई रास्ता नहीं था क्योंकि ऊपर जाने के लिए केवल एक ही सीढ़ी थी। जिससे मरने वालों की संख्या काफी बढ़ गई। कार क्षेत्र के चारों ओर एक हजार से अधिक टायर थे। इसके अलावा 2500 लीटर डीजल होने के कारण आग भीषण हो गई। ALSO READ: Rajkot Gaming Zone Fire: HC की फटकार के बाद सरकार का एक्शन, राजकोट के कमिश्नर सहित 6 IPS अधिकारियों का ट्रांसफर
 
राजकोट के गेमिंग झोन बनाने वालों ने निगम की मंजूरी न लेने के लिए राइड सर्टिफिकेट लेकर यहां शेड बना दिया। इसके बाद तीन मंजिला भव्य गेम जोन शुरू कर दिया गया। ये सर्टिफिकेट देने वाले अधिकारी भूमिगत हो गए हैं। गेम जोन के लिए फायर एनओसी भी नहीं ली गई। फायर एनओसी जारी करने की जिम्मेदारी राजकोट नगर पालिका की है। पुलिस ने इस मामले में गेमिंग झोन के मालिक और मैनेजर को गिरफ्तार किया गया है। घटना की जांच के लिए SIT गठित की गई है। शहर के सभी गेमिंग झोन बंद कर दिए गए हैं।
 
गुजरात उच्च न्यायालय ने गेम जोन में लगी आग से 28 लोगों की मौत को लेकर राजकोट नगर निकाय को कड़ी फटकार लगाई थी। अदालत ने कहा कि अब उसका राज्य मशीनरी पर से भरोसा उठ गया है जो केवल तब हरकत में आती है जब मासूम लोगों की जान जा चुकी होती है। जब बड़ा ढांचा तैयार किया जा रहा था तब क्या उसने आंखें मूंद रखी थीं? हाईकोर्ट की फटकार पर राजकोट के कमिश्नर सहित 6 IPS अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया है।
Edited by : Nrapendra Gupta 
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