रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने की इस्तीफे की पेशकश
नई दिल्ली। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने लगातार 2 रेल हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर इस्तीफे की पेशकश की।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद प्रभु ने सिलसिलेवार ट्वीट में दुर्घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए लिखा है कि इनमें यात्रियों के मारे जाने और घायल होने से वे क्षुब्ध हैं और इससे उन्हें गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिला और पूरी नैतिक जिम्मेदारी ली। प्रधानमंत्री ने मुझे इंतजार करने को कहा है।
प्रभु ने कहा कि 3 वर्ष से भी कम समय में रेलमंत्री के तौर पर उन्होंने रेलवे की बेहतरी के लिए अपना खून पसीना बहाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सभी क्षेत्रों में व्यवस्थित सुधारों के जरिए दशकों से हो रही रेलवे की अवहेलना खत्म करने का प्रयास किया, जिससे अभूतपूर्व निवेश हुआ और कई मुकाम हासिल किए गए।
उन्होंने कहा कि रेलवे को प्रधानमंत्री की नए भारत की कल्पना के अनुरूप दक्ष और आधुनिक होना चाहिए। रेलमंत्री ने कहा कि मैं भरोसा दिलाता हूं कि रेलवे अब इसी पथ पर अग्रसर है। रेलमंत्री के इस्तीफे की पेशकश का घटनाक्रम पिछले 4 दिनों के अंदर 2 बड़ी रेल दुर्घटनाओं की पृष्ठभूमि में हुआ है।
गत शनिवार को हुए पहले हादसे में उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हरिद्वार आ रही कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने के कारण 23 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे।
दूसरी दुर्घटना में बुधवार तड़के उत्तरप्रदेश के ओरैया जिले में कैफियत एक्सप्रेस के 10 डिब्बे और इंजन पटरी से उतर गया जिससे 78 यात्री घायल हो गए। यह ट्रेन डंपर से टकराने के कारण पटरी से उतर गई।
प्रभु की इस्तीफे की पेशकश के पहले से इस तरह की अटकलें लग रही हैं कि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। (वार्ता)