Rahul Gandhi defamation case : राहुल गांधी को 'मोदी सरनेम' केस में गुजरात हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, जून में आएगा फैसला
- सूरत जिले की एक कोर्ट ने सुनाई है सजा
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संसद की सदस्यता से अयोग्य
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मोदी सरनेम को लेकर की थी टिप्पणी
Rahul Gandhi Defamation Case : गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की है।
मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात उच्च न्यायालय ने उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार किया। कोर्ट ने कहा कि वह राहुल गांधी की याचिका पर अंतिम फैसला गर्मी की छुट्टी के बाद सुनाएगा।
गांधी (52) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद तत्कालिकता का हवाला देते हुए अदालत से अंतरिम या अंतिम आदेश जारी करने का अनुरोध किया।
न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने, हालांकि, कहा कि इस चरण में अंतरिम संरक्षण नहीं दिया जा सकता।
न्यायमूर्ति प्रच्छक ने कहा कि वह रिकॉर्ड और कार्यवाही की अधिकृत रपट पढ़ने के बाद ही अंतिम आदेश सुनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने ग्रीष्मावकाश के बाद फैसला सुनाने की बात कही। गुजरात उच्च न्यायालय में आठ मई से तीन जून तक ग्रीष्मावकाश है।
भाजपा के गुजरात के विधायक एवं मामले के मूल शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की ओर से पेश अधिवक्ता निरुपम नानावती ने गांधी को अंतरिम राहत प्रदान करने के सिंघवी के अनुरोध का पुरजोर विरोध किया।
इस मामले में सूरत की एक अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहरा दिया गया था। वह केरल की वायनाड संसदीय सीट से 2019 में निर्वाचित हुए थे।
सत्र अदालत ने भी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ गांधी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
सूरत जिले की एक कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में दायर किए गए आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी पाते हुए राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनको संसद की सदस्यता से अयोग्य किया गया था। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma