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Last Modified: जालंधर , रविवार, 13 अगस्त 2017 (08:00 IST)

परिजनों का दावा, पाक में युद्धबंदी हैं युद्ध में लापता हुए सैनिक...

परिजनों का दावा, पाक में युद्धबंदी हैं युद्ध में लापता हुए सैनिक... - Prisoners of war in Pakistan jail
जालंधर। पाकिस्तान के साथ हुए वर्ष 1965 तथा 1971 के युद्ध में लापता हुए कुछ सैनिकों के परिजनों ने दावा किया है कि लापता सैनिक पाक की जेलों में हो सकते हैं और केंद्र सरकार उनके रिहाई की दिशा में कदम उठाए।
 
पाक की जेल में मारे गए भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर के साथ शनिवार को लापता सैनिकों के परिजनों ने कहा कि पाक युद्ध में लापता सैनिक अभी तक जीवित हैं और युद्धबंदी बनाकर पाकिस्तान ने उन्हें अपनी जेलों में बंद कर रखा हैं। केंद्र सरकार को उन वीर सैनिकों का पता लगा कर उनकी रिहाई की दिशा में ठोस प्रयास करना चाहिए।
 
प्रदेश के मानसा जिले की सुरजीत कौर ने बताया कि उनके सैनिक पति वीर सिंह वर्ष 1971 की लड़ाई के दौरान लापता हुए। वीर के साथ लापता हुए उनके गांव के ही एक अन्य सैनिक गुरचरण सिंह को भी शहीद घोषित कर दिया गया था लेकिन वह बाद में वापस आ गए थे।
 
​बठिंडा जिले में अपने मायके में रह रही सुरजीत ने दावा किया कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनके पति वीर सिंह पाकिस्तान की किसी जेल में बंद हैं और सरकार को उन्हें छुडाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।
 
फरीदकोट जिले के अमरीक सिंह ने बताया कि 2004 में पाक की जेल से कुछ बंदी छूट कर वापस अपने घर आए थे। उनसे उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि युद्ध के समय से लापता उनके सैनिक पिता सुरजीत सिंह वहां की जेल में बंद हैं।
 
उन्होंने दावा किया कि उन्होंने वहां के मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी से संपर्क किया तो उन्होंने भी सुरजीत के पाक जेल में बंद होने की पुष्टि की।
 
अमरीक ने कहा कि उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व दूसरे कई मंत्रियों से इस बारे में कई बार मिल कर बात की लेकिन उनके पिता को ढूंढने का कोई प्रयास नहीं किया गया। मौके पर मौजूद कई अन्य लापता सैनिकों के परिजनो ने उम्मीद जताई कि उनके अपने जीवित हैं और केंद्र को उनका पता लगाने की दिशा में कदम उठाना चाहिए।
 
इस मौके पर दलबीर कौर ने कहा कि इन सभी लोगों के साथ मैं भी सरकार से यह प्रार्थना करती हूं कि वह इनलोगों की विस्तृत जानकारी लेकर पाक की जेलों में बंद उन बुजुर्ग भारत पुत्रों का पता लगा कर उनकी रिहाई के लिए पाक की हुकूमत से ठोस बातचीत करे। (भाषा) 
 
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