बलरामपुर (उत्तर प्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान करते हुए शनिवार को कहा कि इससे न केवल पानी बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि बेहतर फसल भी पैदा होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों में धन, समय और संसाधनों के दुरुपयोग पर दुख जताते हुए कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना की लागत 50 साल पहले 100 करोड़ रुपए से कम थी लेकिन इसे पूरा होने के समय इसकी लागत बढ़कर 10 हजार करोड़ रुपए हो गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के किसानों को 16 दिसंबर को प्राकृतिक खेती के संबंध में आयोजित विशाल कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया। उन्होंने देशभर के किसानों से टीवी या कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से जुड़ने का अनुरोध किया।
मोदी सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन करने के बाद उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक रैली को संबोधित कर रहे थे, जिससे 14 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सिंचाई के लिए पानी मुहैया होगा और लगभग 29 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों में धन, समय और संसाधनों के दुरुपयोग पर दुख जताते हुए कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना की लागत 50 साल पहले 100 करोड़ रुपए से कम थी लेकिन इसे पूरा होने के समय इसकी लागत बढ़कर 10 हजार करोड़ रुपए हो गई।
मोदी ने कहा, मैंने पहले की कितनी ही सरकारें देखी हैं, उनका कामकाज भी देखा है। इस लंबे कार्यकाल में जो सबसे ज्यादा अखरा है, वह है देश के धन, देश के समय, देश के संसाधनों का दुरुपयोग। सरकारी पैसे हैं तो मुझे क्या? यह सोच देश के संपूर्ण और संतुलित विकास में सबसे बड़ी रुकावट बन गई है। इसी सोच ने सरयू नदी परियोजना को भी लटकाए रखा।
मोदी ने कहा, आज से करीब 50 साल पहले इस योजना का काम शुरू हुआ था और अब जाकर इसका काम पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि जब इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था तो इसकी लागत 100 करोड़ रुपए से भी कम थी लेकिन आज यह लगभग 10 हजार करोड़ रुपए खर्च करने के बाद पूरी हुई।
उन्होंने कहा, पहले की सरकारों की लापरवाही की 100 गुना ज्यादा कीमत देश को चुकानी पड़ी। अगर किसानों को सिंचाई का पानी पहले मिला होता तो वह सोना पैदा करता और देश का खजाना भर देता। अपने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा बेहतर कर पाता।
समाजवादी पार्टी का नाम लिए बिना पार्टी पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि कुछ की प्राथमिकता उद्घाटन का फीता काटने की थी, जबकि हमारी प्राथमिकता परियोजनाओं को समय पर पूरा करना है। मोदी का तंज सपा प्रमुख अखिलेश यादव के उस ट्वीट के जवाब में आया, जिसमें आज सुबह उन्होंने कहा था कि सपा के समय तीन चौथाई बन चुकी सरयू राष्ट्रीय परियोजना के शेष बचे काम को पूर्ण करने में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने पांच साल लगा दिए।
मोदी ने कहा, आज जब मैं दिल्ली से चला तो सुबह से इंतजार कर रहा था कि कब कोई आएगा कहेगा कि मोदी जी इस योजना का फीता तो हमने काटा था। यह योजना तो हमने शुरू की थी। कुछ लोग हैं जिनकी आदत है, ऐसा कहने की। हो सकता है कि बचपन में इस योजना का फीता भी उन्होंने काटा हो। कुछ लोगों की प्राथमिकता फीता काटना है हम लोगों की प्राथमिकता योजनाओं को समय पर पूरा करना है।
मोदी ने बिना किसी राजनीतिक दल का नाम लिए कहा, पहले जो सरकार में थे, वो यहां जमीनों पर अवैध कब्जे करवाते थे। आज ऐसे माफियाओं पर जुर्माना लग रहा है, बुलडोजर चल रहा है। तभी तो उत्तर प्रदेश के लोग कहते हैं- फर्क साफ है।
पहले जो सरकार में थे- वो माफिया को संरक्षण देते थे। आज योगी जी की सरकार, माफिया की सफाई में जुटी है। पहले राज्य की बेटियां घर से निकलने पर सौ बार सोचने को मजबूर थीं, आज अपराधी गलत काम करने से पहले सौ बार सोचता है।
उन्होंने कहा, राष्ट्र प्रथम की भावना को सर्वोपरि रखते हुए देश आज हर वह काम कर रहा है जो 21वीं सदी में हमें नई ऊंचाई पर ले जाए। देश के विकास के लिए यह भी बहुत जरूरी है कि पानी की कमी कभी बाधा न बने, इसलिए देश की नदियों के जल का सदुपयोग हो, किसानों के खेत तक पर्याप्त पानी पहुंचे यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
उन्होंने कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का पूरा होना इस बात का सबूत है कि जब सोच ईमानदार होती है तो काम भी दमदार होता है। उन्होंने कहा कि घाघरा, सरयू, राप्ती बाणगंगा और रोहिणी की जलशक्ति अब इस क्षेत्र में समृद्धि का नया दौर लेकर आने वाली है।
उन्होंने कहा, बलरामपुर के साथ-साथ बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर और महाराजगंज के लाखों किसान बहनों-भाइयों को आज दिल से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मोदी ने कहा, 2014 में जब मैं सरकार में आया था तो देश में सिंचाई की 99 प्रतिशत योजनाएं जो दशकों से अधूरी पड़ी थीं, जितना काम पांच दशकों में हो पाया था उससे ज्यादा काम हमने पांच साल में करके दिखाया। यही डबल इंजन की सरकार है।
तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए मोदी ने कहा कि भारत दुख में है लेकिन दर्द सहते हुए भी हम ना अपनी गति रोकते हैं और न प्रगति। बलरामपुर में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना राष्ट्र को समर्पित करने के बाद मोदी ने कहा कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) बिपिन रावत की मृत्यु देश के लिए एक क्षति है।
उन्होंने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल देवरिया में जन्मे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना भी की। प्रधानमंत्री ने कहा, इस कोरोना काल में हमने पूरी ईमानदारी से प्रयास किया है कि कोई भूखा न सोए। अभी इसीलिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिल रहे मुफ्त राशन के अभियान को होली से आगे तक बढ़ा दिया गया है।
उन्होंने स्वामित्व योजना के बारे में उल्लेख करते हुए कहा कि यह अभियान उत्तर प्रदेश के हर गांव में जल्दी पहुंचने वाला है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से मेडिकल सुविधाओं से वंचित पूर्वीं उत्तर प्रदेश को मेडिकल कॉलेजों की एक लंबी श्रृंखला मिल चुकी है।
उन्होंने कहा कि दिमागी बुखार, कालाजार, मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया यहां की आम बीमारी थी। उन्होंने कहा कि इन बीमारियों का उपचार नहीं हो पाता था और इसे अज्ञात बीमारी मानकर लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता था।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वायरल रिसर्च सेंटर देकर इन बीमारियों का जांच केन्द्र बना दिया है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री के प्रयास से एम्स गोरखपुर शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री ने उस दिन लगभग दस हजार करोड़ रुपए की योजनाओं को शुरू कराया। इसके पहले नौ मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन और कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का शिलान्यास भी किया।
मुख्यमंत्री ने सपा, बसपा और कांग्रेस की पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रधानमंत्री ने 2015 में कृषि सिंचाई योजना की शुरू की थी, लेकिन उस समय की प्रदेश सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि परिणाम यह हुआ कि लगभग चालीस वर्ष पुरानी सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना अधूरी ही पड़ी रही। उन्होंने कहा, 2017 में जब भाजपा की सरकार बनी तो प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि हमारे यहां पहले से लगभग 18 परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं।
प्रधानमंत्री ने इन्हें पूरा कराने के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी। जिसका परिणाम यह है कि अब तक 17 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। इनमें से सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का आज उद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री ने किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को पूरा कराने का जो सपना देखा था, उससे अटलजी के नदी जोड़ने का सपना भी साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के जरिए घाघरा, राप्ती, सरयू, बाणगंगा और रोहिणी को जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इससे बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, बस्ती, महराजगंज और गोरखपुर समेत नौ जिलों की जनपदों की लगभग 14 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई का लाभ मिलेगा। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के निर्माण की कुल लागत 9800 करोड़ रुपए से अधिक है, जिसमें से 4600 करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान पिछले चार वर्षों में किया गया। परियोजना में पांच नदियों – घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिणी को आपस में जोड़ने का भी प्रावधान किया गया है, ताकि क्षेत्र के लिए जल संसाधन का समुचित उपयोग सुनिश्चित हो सके।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी उपस्थित थे।(भाषा)