नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को राज्यों से अपील की वे कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कोई भी रणनीति बनाते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि सामान्य लोगों की आजीविका के लिहाज से आर्थिक गतिविधियां कम से कम प्रभावित हों और अर्थव्यवस्था की गति भी बनी रहे।
उन्होंने कहा कि कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रोन से लड़ने के अलावा देश को इस वायरस के भविष्य में सामने आने वाले किसी भी स्वरूप से निपटने के लिए भी तैयार रहने की आवश्यकता है।
कोविड-19 के नए स्वरूप ओमिक्रोन के कारण संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद के बाद अपने संबोधन में राज्यों से यह भी कहा कि अधिक संक्रमण वाले इलाकों को निषेध क्षेत्र घोषित करें, घरों में पृथकवास पर जोर दें और जांच के साथ ही संक्रमण का पता लगाने पर ध्यान केंद्रित करें।
अर्थव्यवस्था की चिंता : उन्होंने कहा कि कोरोना से इस लड़ाई में हमें एक और बात का बहुत ध्यान रखना होगा। अब हमारे पास लड़ाई का दो वर्ष का अनुभव है। देश की तैयारी भी है। सामान्य लोगों की आजीविका और आर्थिक गतिविधियों को कम से कम नुकसान हो। अर्थव्यवस्था की गति भी बनी रहे। कोई भी रणनीति बनाते समय हम इन बातों को ध्यान में रखें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए स्थानीय स्तर पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करना बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि जहां से संक्रमण के अधिक मामले आ रहे हैं, जहां-जहां से ज्यादा से ज्यादा और तेजी से मामले आ रहे हैं, वहां जांच हो, यह सुनिश्चित करना पड़ेगा। इसके अलावा हमें सुनिश्चित करना होगा गृह पृथकवास में भी ज्यादा से ज्यादा उपचार हो।
मोदी का थ्री टी पर जोर : उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि घरों में पृथकवास से जुड़े दिशानिर्देशों को सरकारें जारी करती रहें और इसमें समय-समय पर सुधार भी करें। उन्होंने कहा कि इस दौरान टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट (परीक्षण, निगरानी और उपचार) की व्यवस्था जितनी बेहतर होगी उतना ही अस्पतालों में जाने की आवश्यकता कम होगी।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुए इस संवाद में राज्यों में कोरोना के संक्रमण और इसके मद्देनजर उनकी तैयारियों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने विचार भी प्रस्तुत किए।
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया।
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। बृहस्पतिवार को देश में कोरोना वायरस के 2,47,417 नए मामले आए हैं। इनमें ओमिक्रोन स्वरूप के 5,488 मामले शामिल हैं।
देश में बढ़ रहा है ओमिक्रोन : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बृहस्पतिवार को सुबह 8 बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में ओमिक्रोन स्वरूप के एक दिन में 620 मामले आए, जो अब तक का सर्वाधिक है। ज्ञात हो संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में राज्यों द्वारा तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने रविवार को देश में कोविड-19 महामारी के हालात, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे और आपूर्ति व्यवस्था की चल रही तैयारियों, देश में टीकाकरण अभियान की स्थिति, ओमिक्रोन के प्रसार और इसके जनस्वास्थ्य प्रभाव की समीक्षा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी।
संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच देश में स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित 60 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों को टीकों की एहतियाती खुराक दिए जाने की मुहिम भी जारी है। वर्ष 2020 में महामारी की शुरुआत होने के बाद से प्रधानमंत्री कई बार मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकें कर स्थिति की समीक्षा कर चुके हैं।