भारतीय अर्थव्यवस्था दूसरों के लिए बनी आशा का स्रोत : राष्ट्रपति मुर्मू
President Draupadi Murmu's address to the nation : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि विश्व की अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं के नाजुक दौर से गुजरने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनिश्चितता का वातावरण होने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था न केवल समर्थ सिद्ध हुई है बल्कि दूसरों के लिए आशा का स्रोत भी बनी है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि आज सशक्तीकरण की भावना से युक्त उत्साह का संचार संभव हो पाया है क्योंकि देश हर मोर्चे पर अच्छी प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुश्किल दौर में भारत की अर्थव्यवस्था न केवल समर्थ सिद्ध हुई है बल्कि दूसरों के लिए आशा का स्रोत भी बनी है।
मुर्मू ने कहा, विश्व की अधिकांश अर्थव्यवस्थाएं नाजुक दौर से गुजर रही हैं। वैश्विक महामारी के कारण हुए आर्थिक संकट से विश्व समुदाय पूरी तरह बाहर नहीं आ पाया था कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर हो रही घटनाओं से अनिश्चितता का वातावरण और गंभीर हो गया।
उन्होंने कहा, फिर भी सरकार कठिन परिस्थितियों का अच्छी तरह से सामना करने में सक्षम रही हैं। देश ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है और प्रभावशाली सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि भी दर्ज की है। राष्ट्रपति ने कहा, हमारे अन्नदाता किसानों ने हमारी आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राष्ट्र उनका ऋणी है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति चिंता का कारण बनी हुई है लेकिन सरकार और रिजर्व बैंक इस पर काबू पाने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जन सामान्य पर मुद्रास्फीति का अधिक प्रभाव पड़ने नहीं दिया है और गरीबों को व्यापक सुरक्षा कवच भी प्रदान किया है।
मुर्मू ने कहा कि वैश्विक आर्थिक विकास के लिए दुनिया की निगाहें आज भारत पर टिकी हुई हैं। उन्होंने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
मुर्मू ने कहा, हमारी आर्थिक प्रगति की इस यात्रा में समावेशी विकास पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निरंतर हो रही आर्थिक प्रगति के दो प्रमुख आयाम हैं। उन्होंने एक ओर व्यवसाय को आसान बनाकर और रोजगार के अवसर पैदा करके उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है तो दूसरी ओर जरूरतमंदों की सहायता के लिए विभिन्न पहल एवं व्यापक कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वंचितों को वरीयता सरकार नीतियों और कार्यों के केंद्र में रहते हैं, इसके परिणामस्वरूप पिछले दशक में बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकालना संभव हो पाया है। राष्ट्रपति ने कहा कि इसी प्रकार आदिवासियों की स्थिति में सुधार लाने और उनहें प्रगति की यात्रा में शामिल करने हेतु विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
मुर्मू ने कहा, मैं अपने आदिवासी भाई बहनों से अपील करती हूं कि आप सब अपनी परंपराओं को समृद्ध करते हुए आधुनिकता को अपनाएं। उन्होंने कहा, मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि आर्थिक विकास के साथ साथ मानव विकास संबंधी सरोकारों को भी उच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)