पीएम मोदी ने देश को दी सुदर्शन सेतु की सौगात, जानिए क्या है सबसे लंबे केबल ब्रिज में खास?
- 980 करोड़ की लागत से बना है 2.32 KM लंबा ब्रिज
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सुदर्शन सेतु ओखा और बेट द्वारका को जोड़ता है
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यह पुल आध्यात्मिकता और धार्मिकता का एहसास कराता है
Sudarshan Setu : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बेट द्वारका मंदिर में पूजा के बाद सुदर्शन सेतु का लोकार्पण किया। यह देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज है।
ओखा को बेट द्वारका के जोड़ने वाला सुदर्शन सेतु देश के नए इंफ्रास्ट्रक्चर का बेजोड़ नमूना है। इस ब्रिज की लंबाई 2.32 किलोमीटर है। इस ब्रिज की लागत 980 करोड़ है। फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर एक सोलर पैनल भी लगाया गया है, जो एक मेगावाट बिजली पैदा करता है।
यह पुल आध्यात्मिकता और धार्मिकता का एहसास कराता है। इसका स्वरूप विशाल एवं भव्य है। इसका डिजाइन अनोखा और मजेदार है। इसमें श्रीमद्भगवद गीता के श्लोक शामिल हैं और दोनों तरफ भगवान कृष्ण की छवियां प्रदर्शित की गई हैं।
समय की बचत : अब श्रद्धालुओं को बेट द्वारका जाने में काफी आसानी होगी। यह पुल द्वारका-बेट-द्वारका के बीच यात्रा करने वाले भक्तों के लिए परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा और समय बचाएगा।
2016 में मिली थी मंजूरी : सुदर्शन सेतु को साल 2016 में निर्माण की मंजूरी मिली थी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी मंजूरी दी थी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर, 2017 को इस पुल की आधारशिला रखी थी। ऐसा अनुमान है कि इससे वहां के करीब 10 हजार स्थानीय निवासियों को लाभ मिलेगा। इसके बनने से रोजगार को नए सिरे विस्तार भी मिलेगा।
पहले नाव से होती थी यात्रा : सुदर्शन सेतु के निर्माण से पहले, तीर्थयात्रियों को बेट द्वारका तक पहुंचने के लिए नाव से यात्रा करनी पड़ती थी, जिसमें बहुत समय लगता था। अब यह दिक्कत खत्म होगी और पर्यटन स्थल के रूप में देवभूमि द्वारका का आकर्षण भी बढ़ेगा।
Edited by : Nrapendra Gupta