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Last Modified: सोमवार, 15 नवंबर 2021 (12:49 IST)

पहला जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय देशवासियों को समर्पित, PM मोदी ने कहा- प्रकृति से छेड़छाड़ समाज के कल्याण का रास्ता नहीं

पहला जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय देशवासियों को समर्पित, PM मोदी ने कहा- प्रकृति से छेड़छाड़ समाज के कल्याण का रास्ता नहीं - PM Modi inaugurates Birsa Munda museum in Ranchi, tribal outreach on agenda
रांची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘धरती आबा’ के नाम से प्रसिद्ध आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की स्मृति में सोमवार को रांची में एक संग्रहालय का उद्घाटन किया।
 
प्रधानमंत्री ने डिजिटल माध्यम से एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि धरती आबा दुनिया में लंबे समय तक नहीं रहे, लेकिन उन्होंने देश के लिए पूरा एक इतिहास रच दिया और भारत की भावी पीढ़ियों को दिशा दी।
 
मोदी ने बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने उस विचारधारा के खिलाफ संघर्ष किया जो भारत में आदिवासी समाज की पहचान को मिटाना चाहती थी।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा जानते थे कि आधुनिकता के नाम पर विविधता पर हमला करना, प्राचीन पहचान और प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करना समाज के कल्याण का मार्ग नहीं है। वह आधुनिक शिक्षा के पक्षधर थे, उन्होंने बदलाव की वकालत की, उन्होंने अपने समाज की खामियों के खिलाफ बोलने का साहस दिखाया।
 
राज्य और जनजातीय समुदाय के लोगों को बधाई देते हुए मोदी ने बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय को राष्ट्र को समर्पित किया। झारखंड राज्य के स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी समेत अन्य गणमान्य मौजूद थे। संग्रहालय में मुंडा की 25 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है।
 
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि संग्रहालय झारखंड राज्य सरकार के सहयोग से रांची के पुराने केंद्रीय कारावास में बनाया गया है, जहां बिरसा मुंडा ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि यह राष्ट्र और जनजातीय समुदायों के लिए उनके बलिदान को श्रद्धांजलि होगी।
 
पीएमओ के बयान के अनुसार, यह संग्रहालय बिरसा मुंडा के साथ, शहीद बुधु भगत, सिद्धू-कान्हू, नीलांबर-पीतांबर, दिवा-किसुन, तेलंगा खड़िया, गया मुंडा, जात्रा भगत, पोटो एच, भगीरथ मांझी और गंगा नारायण सिंह जैसे विभिन्न आंदोलनों से जुड़े अन्य जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में भी जानकारी प्रदर्शित करेगा। पास ही 25 एकड़ क्षेत्र में स्मृति उद्यान विकसित किया गया है और इसमें संगीतमय झरना, खान-पान परिसर, बाल उद्यान और अन्य मनोरंजन सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
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