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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 2 जनवरी 2024 (17:51 IST)

Parliament security breach case: दिल्ली पुलिस ने की संसद आरोपियों से दुबारा पूछताछ

Parliament security breach case: दिल्ली पुलिस ने की संसद आरोपियों से दुबारा पूछताछ - Parliament interrogated the accused face to face for the second time
Parliament security breach case : संसद (Parliament) में 13 दिसंबर को हुई सुरक्षा चूक के मामले में गिरफ्तार 6 आरोपियों से दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के अधिकारियों ने दूसरी बार आमने-सामने पूछताछ की। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम आजाद, अमोल शिंदे, ललित झा और महेश कुमावत 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। उन्होंने कहा कि घटना के वास्तविक मकसद के बारे में उनसे पूछताछ की गई है।
 
पुलिस सूत्र के मुताबिक नीलम और मनोरंजन को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित विशेष प्रकोष्ठ की 'काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट' के कार्यालय में तथा अन्य 4 को विशेष प्रकोष्ठ की विभिन्न इकाइयों में रखा गया है। आरोपियों से विशेष प्रकोष्ठ की अलग-अलग टीमें पूछताछ कर रही हैं।
 
'काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट' कार्यालय में लाया गया : पुलिस सूत्रों के मुताबिक 30 और 31 दिसंबर को उन्हें आमने-सामने पूछताछ के लिए 'काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट' के कार्यालय में लाया गया था। जांचकर्ता घटना के क्रम और प्रत्येक आरोपी की भूमिका की पुष्टि करना चाहते थे। इससे पहले आरोपियों से 20 दिसंबर को आमने-सामने पूछताछ की गई थी।
 
13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी वाले दिन गत 13 दिसंबर को शर्मा और मनोरंजन शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे। उन्होंने कैन से पीला धुआं छोड़ा और नारेबाजी की जिन्हें सांसदों ने पकड़ लिया। लगभग उसी समय शिंदे और नीलम ने संसद परिसर के बाहर नारे लगाते हुए कैन से रंगीन धुआं उड़ाया।
 
आरोपी 'भगत सिंह फैन क्लब' फेसबुक पेज का हिस्सा थे। उन्होंने पूछताछ के दौरान कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य बेरोजगारी और मणिपुर हिंसा तथा किसान आंदोलन जैसे मुद्दों पर सरकार को संदेश भेजना था। जांचकर्ताओं को संदेह है कि आरोपियों ने एक 'आका' के इशारे पर काम किया और उन्हें धन मिला। अधिकारियों ने मनोविश्लेषण भी किया है और आरोपियों का 'पॉलीग्राफ' परीक्षण करने की योजना बनाई है। सभी 6 आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta