कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए 70 से अधिक पद्म पुरस्कार विजेता चिकित्सकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए एक विशेष कानून शीघ्र लागू किए जाने की मांग की है। उन्होंने अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने की भी मांग की।
अशोक वैद, हर्ष महाजन, अनूप मिश्रा, ए.के. ग्रोवर, अलका कृपलानी और मोहसिन वली जैसे प्रसिद्ध डॉक्टरों ने इस खतरनाक स्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से तत्काल और व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने की मांग की और सुझाव दिया कि केंद्र तुरंत एक अध्यादेश लाए ताकि स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा में शामिल लोगों के लिए कठोरतम सजा सुनिश्चित की जा सके।
कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार और हत्या की वारदात के बाद देशभर में व्यापक स्तर पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रख्यात डॉक्टरों ने मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करने तथा अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा उपाय बढ़ाने का भी आग्रह किया। पत्र लिखने वालों में आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव और एम्स, दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि हम पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टर हाल में कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई भयावह घटना के बारे में गहरी चिंता और पीड़ा के साथ आपको लिख रहे हैं। हमारे देश के प्रमुख के रूप में, हम इस भयावह स्थिति को दूर करने के लिए आपसे तत्काल और व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने की अपील करते हैं।
पत्र में कहा गया कि हम पूरी एकजुटता के साथ पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं, जिसका दर्द और क्षति अकल्पनीय है। हम चिकित्सा समुदाय को भी अपना पूरा समर्थन देते हैं, जो अपने काम के दौरान इस तरह की हिंसा का सामना कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुरक्षित रखा जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान : सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित बलात्कार और हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। अदालत इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 20 अगस्त की वाद सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करेगी।
समर्थकों का प्रदर्शन : चिर प्रतिद्वंद्वी फुटबॉल क्लब ईस्ट बंगाल और मोहन बागान के समर्थक रविवार शाम कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम के पास एकत्र हुए और महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार व उसकी हत्या की घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। बारिश की परवाह नहीं करते हुए, सौ से अधिक समर्थक शुरुआत में स्टेडियम के बाहर एकत्र हुए, जबकि देश के दो प्रमुख फुटबॉल क्लब के बीच डूरंड कप मैच कानून व्यवस्था की स्थिति से जुड़ी चिंताओं का हवाला देते हुए रद्द कर दिया गया था।
दोनों क्लब के समर्थक एक-दूसरे के झंडे थामे हुए थे। उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए। काफी संख्या में पुलिसकर्मी स्थिति पर नजर रखे हुए थे।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल ही में मामले की जांच कोलकाता पुलिस से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दिया था। इससे पहले दिन में, सीबीआई ने मामले की जांच के संबंध में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से पूछताछ की।
जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को लगातार तीसरे दिन सीबीआई अधिकारियों के समक्ष पेश हुए घोष को अस्पताल में घटना से पहले और उसके बाद किए फोन कॉल की जानकारियां देने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि अधिकारी घोष की कॉल डिटेल और डेटा उपयोग की जानकारियां प्राप्त करने के लिए मोबाइल फोन सेवा प्रदाता से संपर्क करने पर विचार कर रहे हैं।
सीबीआई ने शनिवार देर रात तक करीब 13 घंटे तक घोष से पूछताछ की थी। घोष रविवार सुबह 11 बजे सॉल्ट लेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआई कार्यालय फिर से पहुंचे। सीबीआई अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, हमारे पास उनसे पूछने के लिए सवालों की एक फेहरिस्त है।
उन्होंने बताया कि घोष को चिकित्सक की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी भूमिका स्पष्ट करने के लिए कहा गया है कि उन्होंने किससे संपर्क किया और (पीड़िता के) माता-पिता को करीब तीन घंटे तक का इंतजार क्यों कराया।
अधिकारी के अनुसार, पूर्व प्राचार्य से यह भी पूछा गया कि घटना के बाद अस्पताल की आपातकालीन इमारत के संगोष्ठी कक्ष के पास कमरों की मरम्मत का आदेश किसने दिया था।
उन्होंने कहा, हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या अपराध के पीछे कोई साजिश थी या पहले से इसकी योजना बनाई गई थी। प्राचार्य क्या कर रहे थे और क्या वह किसी भी तरीके से घटना में शामिल हैं।
सीबीआई अधिकारी के मुताबिक, घोष के जवाबों का मिलान वारदात की रात को चेस्ट मेडिसिन विभाग में ड्यूटी पर मौजूद अन्य चिकित्सकों और प्रशिक्षुओं के बयानों से किया जाएगा।
सीबीआई ने अपनी जांच के संबंध में कोलकाता पुलिस के कई अधिकारियों समेत 20 से अधिक लोगों से अभी तक पूछताछ की है। घोष ने रविवार देर रात को सॉल्ट लेक में सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय से निकलते वक्त मीडिया के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया।
इस बीच, कोलकाता पुलिस ने सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं को लेकर अपनी कार्रवाई तेज कर दी है, जिसे विपक्ष ने असहमति की आवाज को दबाने की कोशिश बताते हुए इसकी आलोचना की है।
सुखेंदु शेखर राय को समन : कोलकाता पुलिस ने मामले की पीड़ित महिला चिकित्सक की पहचान उजागर करने और अफवाह फैलाने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी, तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय और दो प्रसिद्ध चिकित्सकों को समन जारी किए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों के अलावा पुलिस ने घटना के बारे में गलत सूचना फैलाने के आरोप में 57 अन्य लोगों को भी समन जारी किया है। उन्होंने बताया कि इन लोगों पर पीड़िता की पहचान उजागर करने, अफवाह फैलाने और फर्जी खबरें फैलाने का आरोप है।
हुगली निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व भाजपा सांसद चटर्जी ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई समन नहीं मिला है। उन्होंने कहा, अगर वे मामले की जांच करते समय भी यही तत्परता दिखाते तो बेहतर होता। हर कोई लड़की के लिए न्याय चाहता है।
कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि बहुत सारी अफवाहें फैल रही हैं, जिससे उनकी जांच प्रभावित हुई है और कानून-व्यवस्था को खतरा पैदा हुआ है। नौ अगस्त को हुई इस वारदात के सिलसिले में अगले दिन एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ़्तार किया गया था।
घटना के विरोध में जारी विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निकट निषेधाज्ञा लागू कर दी है, जिसके तहत 24 अगस्त तक पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
महिला चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर की हड़ताल रविवार को भी जारी रही, जिससे राज्य में लगातार 10वें दिन स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं।
सरकारी अस्पतालों में रविवार को बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) बंद रहने के कारण मरीजों की भीड़ कम रही, लेकिन वरिष्ठ चिकित्सकों ने आपातकालीन विभाग में सेवाएं जारी रखीं।
क्या बोले प्रदर्शनकारी : एक प्रदर्शनकारी चिकित्सक ने पीटीआई से कहा कि हम स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित करने के पक्ष में नहीं हैं। हम मरीजों की परेशानियों को समझ सकते हैं, लेकिन ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के संदर्भ में हमारा विरोध बहुत प्रासंगिक है।
चिकित्सक ने कहा, क्या हम काम पर आते समय यही अपेक्षा करते हैं? जब तक हमारी बहन को न्याय नहीं मिल जाता और सरकार हमारी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं कर देती, हम अपना विरोध जारी रखेंगे। भाषा Edited by : Sudhir sharma