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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 5 दिसंबर 2019 (09:46 IST)

राहुल गांधी कांग्रेस में फिट नहीं, सोनिया के बाद प्रियंका संभाल सकती हैं कमान

वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई का नजरिया

राहुल गांधी कांग्रेस में फिट नहीं, सोनिया के बाद प्रियंका संभाल सकती हैं कमान - OPINION : After Sonia Priyanka Gandhi likely to leads Congress Party
महाराष्ट्र में नई सरकार गठन में किंगमेकर की भूमिका निभाने वाली कांग्रेस इन दिनों अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। मोदी सरकार को घेरने के लिए पार्टी 14 दिसंबर को दिल्ली में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार और उसके बाद लंबे समय तक नेतृत्व संकट से जूझने वाली कांग्रेस इन दिनों मोदी सरकार पर बेहद अक्रामक नजर आ रही है। ऐसे में कांग्रेस को लेकर अचानक से सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है। 2017 के बाद कांग्रेस ने देखते ही देखते पांच बड़े राज्यों में सत्ता में काबिज हो गई है। इसके बाद चर्चा इस बात की शुरु हो गई है कि क्या कांग्रेस चुपचाप वापसी कर रही है। वेबदुनिया ने कांग्रेस की राजनीति को बहुत ही करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई से कांग्रेस में नेतृत्व और उसकी आने वाले रणनीति को लेकर खास बातचीत की। 
सोनिया का सत्ता का गेमप्लान - महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन सरकार में कांग्रेस के शामिल होने के फैसले को राशिद किदवई सोनिया गांधी की एक बड़ी जीत के तौर पर देखते है। वह कहते हैं कि कांग्रेस की विचारधारा किसी सीमा में नहीं बंधी हुई है। अगर कांग्रेस के इतिहास को देखे तो देखने में मिलता है कि पार्टी ने अपनी विचारधारा को लेकर समय समय पर प्रयोग किए है। पचमढ़ी और शिमला में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में गठबंधन की राजनीति को लेकर काफी अहम फैसले लिए गए है। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुए पचमढ़ी सम्मेलन में तय किया गया था कि अगर पार्टी को सत्ता के लिए गठबंधन करना पड़े तो समान विचारधारा वाले लोगों से वह गठबंधन कर आगे बढेगी और सोनिया के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने महाराष्ट्र में इसी एजेंडे पर आगे बढ़ी है। वह कहते हैं कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस में एक व्यावहारिक रुप से उपयोग हो रहा है। राजनीति में सत्ता का बहुत महत्व होता है और अब कांग्रेस सत्ता में आने का कोई भी मौका गंवाना नहीं चाहती है।
राहुल कांग्रेस में फिट नहीं – कांग्रेस के अंदरुनी राजनीति को बहुत करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई कहते हैं कि राहुल गांधी का कांग्रेस को लेकर नजरिया बहुत अलग है। वह पार्टी में अपने पिता राजीव गांधी के एजेंडा को बढ़ाना चाहते है लेकिन आज की स्थिति में वह पार्टी में मुमकिन नहीं है। वह कांग्रेस में बहुत बड़े बदलाव चाहते है जो कि इस वक्त संभव नहीं दिखते है। राहुल आज की स्थिति में कांग्रेस में फिट नहीं हो पा रहे है और एक तरह से कांग्रेस के खिलाफ काम कर रहे है। 
राशिद किदवई कहते हैं कि राहुल कांग्रेस में नयापन तो लाना चाहते है लेकिन उनके नयापन लाने का तरीका बहुत अलग है, इसी कारण से  कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं में उनके प्रति विश्वास और आत्मविश्वास भी उतना ज्यादा नहीं है जितना सोनिया के प्रति है। वह साफ कहते हैं कि लीडरशिप में तभी तक मान्य है जब तक वह आपको कामयाबी दिलाकर सत्ता का सुख दिलाती है और राहुल गांधी इसी मे बार –बार फेल हो रहे है। वह उदाहरण देते हुए कहते है कि 1977 में जब इंदिरा गांधी की हार हुई तो तीन चौथाई लोगों ने कांग्रेस छोड़ दी। वह कहते हैं कि सत्ता के बाहर की चुनौतियों को सोनिया गांधी और प्रियंका गाधी बाखूबी समझती है लेकिन राहुल गांधी मानसिक रुप से उन चुनौतियों को समझने के लिए तैयार ही नहीं है। 
 
फिरोज गांधी से सीखे राहुल – आने वाले समय में कांग्रेस में राहुल गांधी की भूमिका को लेकर किए गए सवाल पर राशिद किदवई कहते हैं कि राहुल गांधी बिना अध्यक्ष के भी काफी  और योगदान दे सकते है। वह कहते हैं कि जिस तरह इतिहास में फिरोज गांधी की कांग्रेस में भूमिका थी वैसी ही अब राहुल भी अपनी भूमिका निभा सकते है और निश्चित तौर राहुल को फिरोज गांधी से सीखना चाहिए। 
सोनिया के बाद प्रियंका युग - वेबदुनिया के इस सवाल पर आने वाले समय कांग्रेस की कमान कौन संभालेगा पर वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई साफ कहते हैं कि वर्तमान में तो कांग्रेस में अधिकांश लोग चाहते हैं कि सोनिया गांधी ही पार्टी की कमान संभाले और पार्टी को एक मजबूती दें। वह कहते हैं कि सोनिया के बाद प्रियंका गांधी कांग्रेस की कमान संभालने के लिए तैयार होती हुई दिख रही है। वह उत्तर प्रदेश के 2022 के चुनाव को बहुत ही महत्वपूर्ण मानते हुए कहते हैं कि उनकी राय में प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश में पार्टी का  अध्यक्ष बनकर जाना चाहिए और आज उत्तर प्रदेश की सियासी परिस्थितियां ऐसी है कि प्रियंका गांधी एक विकल्प के रुप में उभर सकती है। वह महत्वपूर्ण बात कहते हैं कि अगर प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में अपना कब्जा जमा लेती है तो पूरे देश में उनको कोई नहीं रोक सकता। वह कहते हैं कि कांग्रेस के अंदर को लोग चाहते हैं कि अभी सोनिया पार्टी की कमान संभाले और उसके बाद प्रियंका आ जाए राहुल को लेकर पार्टी में उतना जोश नहीं है।
 
क्षेत्रीय क्षत्रप दिल्ली के लिए खतरा नहीं – कांग्रेस में पिछले दो सालों में क्षेत्रीय नेताओं के ताकतवर होकर उभरने को वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई कांग्रेस के लिए खतरा नहीं मजबूती मानते है। वह कहते हैं कि सोनिया गांधी की ‘इन्वेस्टमेंट इन स्टेट लीडरशिप’ पॉलिसी के आने वाले समय में बहुत ही अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे और आने वाले 10 साल में यह कांग्रेस की मजबूत स्तंभ के रुप में नजर आएंगे। 
 
आने वाले समय में कांग्रेस में किसी भी टूट क सिरे से नकारते हुए राशिद किदवई ज्योतिरादित्य सिंधिया की पार्टी छोड़ कर जाने की खबरों को बेबुनियाद ठहराते है। वह साफ कहते हैं सिंधिया पूरी तरह कांग्रेस के साथ है और आने वाले समय में भी कांग्रेस के साथ ही रहेंगे।