अब आकलन वर्ष के अंत तक कर सकेंगे विदेश में चुकाए गए कर पर 'क्रेडिट' का दावा
नई दिल्ली। आयकर विभाग ने शुक्रवार को कहा कि निर्धारित समय के भीतर आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाता भारत से बाहर चुकाए गए करों के लिए 'क्रेडिट' का दावा कर आकलन वर्ष के अंत तक कर सकते हैं। सीबीडीटी ने इस संशोधन को पिछली तारीख से लागू करने का फैसला किया है। इसकी वजह से चालू वित्त वर्ष में जमा किए गए सभी एफटीसी क्रेडिट दावों पर इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है।
आयकर विभाग ने अपने एक ट्वीट में इस बदलाव की जानकारी दी। विभाग ने कहा, फॉर्म संख्या 67 में दिए जाने वाले विवरण को अब संदर्भित कर आकलन वर्ष के अंत तक दिया जा सकता है। अभी तक जरूरी दस्तावेजों के साथ फॉर्म-67 को तय समय के भीतर जमा किए जाने पर ही विदेश में जमा कर का क्रेडिट (एफटीसी) लिया जा सकता था। इस प्रावधान की वजह से भारत के बाहर चुकाए गए कर के लिए दावा कर पाने की क्षमता सीमित हो जाती थी।
इस समस्या को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अब एफटीसी के लिए दावा करने से संबंधित प्रावधानों में बदलाव कर करदाताओं को राहत दी है। खास बात यह है कि सीबीडीटी ने इस संशोधन को पिछली तारीख से लागू करने का फैसला किया है। इसकी वजह से चालू वित्त वर्ष में जमा किए गए सभी एफटीसी क्रेडिट दावों पर इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है।
नांगिया एंडरसन एलएलपी के साझेदार (प्रत्यक्ष कराधान) सचिन गर्ग ने इस संशोधन से करदाताओं को जरूरी राहत मिलने की संभावना जताते हुए कहा कि तय समय के भीतर रिटर्न जमा कर चुके करदाता आकलन वर्ष के अंत तक जरूरी दस्तावेजों के साथ फॉर्म-67 जमा कर एफटीसी का दावा कर सकते हैं।
एकेएम ग्लोबल के कर बाजार प्रमुख ईशू सहगल ने कहा कि कर आकलन वर्ष के अंत तक फॉर्म-67 जमा करने की छूट मिलना करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत है क्योंकि अब वे रिटर्न जमा करने के बाद भी एफटीसी का दावा कर सकते हैं।(भाषा)