जम्मू। 9 दिन पहले श्रीनगर के हैदरपोरा में हुई मुठभेड़ पर मचा बवाल ठंडा नहीं हुआ था कि अब कल श्रीनगर के रामबाग के इलाके में हुई मुठभेड़ पर भी सवाल उठने लगे हैं। बढ़ते बवाल को देखते हुए प्रशासन ने श्रीनगर के करीब 30 इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात कर अघोषित कर्फ्यू लागू किया है। इस मुठभेड़ पर भी महबूबा मुफ्ती ने अब सवाल उठाते हुए कहा है कि सुरक्षाबलों की कार्रवाई शक पैदा करती है।
रामबाग इलाके में हुई इस मुठभेड़ के दूसरे दिन गुरुवार को तीस से अधिक जगहों पर मोबाइल इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई है। एजेंसियों ने यह कदम उपद्रव को देखते हुए और हिंसा को रोकने के लिए उठाया है। पुलिस का दावा था कि कुछ असामाजिक तत्व इस मुठभेड़ के बाद वीडियो प्रचारित कर लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं। बुधवार को हुई मुठभेड़ के बाद कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इसे सुरक्षाबलों ने संयम बरतते हुए उन्हें हल्के प्रतिरोध के बाद वापस भेज दिया।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, श्रीनगर के बोरी कदल, हब्बाकदल, खनियार, एसआर गंग, एमआर गंग, जदीबल, नौशारा, फतेह कदल, करण नगर, ईदगाह, कमरवारी, सौरा, रैनावारी, बग्यास, नौहट्टा, हवल, मलरत्था, एंकर, सैयद पोरा, जम्मलत्ता, हजरतबल, नवाकदल, सफाकदल, अहमदनगर, बुशपोरा, हवल, नूरबाग, ज़कूरा, पंडाच, सैदाकदल, नगीन, हज़रतबल, जैनमार में एहतियात के तौर पर मोबाइल सेवा बंद की गई है।
आईजी कश्मीर विजय कुमार के अनुसार, कल सूचना मिली थी कि तीन आतंकी एक कार में सवार होकर जहांगीर चौक से एयरपोर्ट मार्ग की ओर जाने वाले हैं। इसकी सूचना मिलने के बाद केरिपुब और जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष दल ने रामबाग फ्लाई ओवर के नीचे पोजीशन ले ली थी।
वैगनआर कार में सवार आतंकियों को सुरक्षाबलों ने रोकने की कोशिश की तो उन्होंने फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की, परंतु सतर्क सुरक्षाबलों ने व्यस्त इलाके में संयम बरतते हुए संक्षिप्त मुठभेड़ में तीनों को मार गिराया। जिस स्थान पर मुठभेड़ हुई वह काफी भीड़भाड़ वाला इलाका है। शाम का समय होने के कारण वहां सड़क पर काफी यातायात था।
आईजी का दावा है कि सुरक्षाबलों ने सीमित और सटीक कार्रवाई करते हुए यह सफलता हासिल की। इस दौरान कुछ देर के लिए इलाके में भगदड़ की स्थिति भी बन गई। इस मुठभेड़ में मारा गया टीआरएफ कमांडर मेहरान श्रीनगर के ईदगाह इलाके में स्कूल में घुसकर की गई शिक्षक व महिला सिख प्रिंसिपल की हत्या में शामिल था।
इतना जरूर था कि इस मुठभेड़ पर भी महबूबा मुफ्ती ने सवाल उठाने आरंभ किए थे। उन्होंने एक ट्वीट कर इस मुठभेड़ की वैधता को शक के घेरे में लाते हुए कहा था कि प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इस मुठभेड़ में गोलीबारी सिर्फ एकतरफा ही थी। हालांकि आईजी कश्मीर ने महबूबा के ट्वीट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।