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Written By Author वृजेन्द्रसिंह झाला

नवजोत सिद्धू का इस्तीफा, पंजाब में कांग्रेस को 'माया' मिली न 'राम'

नवजोत सिद्धू का इस्तीफा, पंजाब में कांग्रेस को 'माया' मिली न 'राम' - navjot Sidhu resigns before assembly elections 2022
आई एम सॉरी अमरिंदर जी... पंजाब के मुख्‍यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले कांग्रेस की अं‍तरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को यही कहा था...आज उन्हीं सोनिया गांधी को चिट्‍ठी लिखकर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने सोनिया को चिट्‍ठी लिखकर कह दिया- 'आई एम सॉरी सोनिया जी, मैं अब कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं रह सकता। 
 
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर सिद्धू ने कांग्रेस की स्थिति सांप-छछूंदर वाली कर दी है। अर्थात कांग्रेस की स्थिति ऐसी हो गई है कि उसे न तो निगलते बन रहा है और न ही उगलते। शायद ही चुनाव से कुछ समय पहले किसी भी दल की स्थिति ऐसी हुई होगी। आपको बता दें कि फरवरी-मार्च 2022 में पंजाब समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। 
 
दरअसल, कांग्रेस को रत्तीभर भी उम्मीद नहीं रही होगी कि सिद्धू ऐसा कदम उठा सकते हैं। क्योंकि सिद्धू के दबाव के चलते ही कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ और अनुभवी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्‍यमंत्री पद से हटा दिया था। चुनाव से पहले कांग्रेस के इस कदम को 'आत्मघाती' माना जा रहा था। ... और सिद्धू के इस्तीफे ने इसे अक्षरश: साबित भी कर दिया है। 
 
हालांकि यह भी माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी सिद्धू को मना लेंगे और शायद सिद्धू मान भी जाएं, लेकिन उनके इस कदम से कांग्रेस की जो किरकिरी हुई है, उसका खामियाजा उसे विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। हालांकि सिद्धू के बारे में कहा जाता है कि वे राजनीति के 'पिच' पर भी बल्लेबाजी तो अच्छी करते हैं, लेकिन कई बार बल्ला इस तरह घुमा देते हैं कि वे 'हिट विकेट' होकर पूरी 'टीम' को संकट में डाल देते हैं। 
जब कैप्टन को हटाने की चर्चाएं चल रही थीं, तब यह भी खबर आई थी कि सिद्धू ने कांग्रेस आलाकमान को ब्लैकमेल करने की कोशिश की थी। उस समय उन्होंने परोक्ष रूप से धमकी भी दी थी कि वे 40 विधायकों के साथ आम आदमी पार्टी में जा सकते हैं। शायद इसी मजबूरी में कांग्रेस आलाकमान को कैप्टन को हटाने का 'अप्रिय' निर्णय लेना पड़ा था। 
 
बताया जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू की पंजाब के ‍नवनियुक्त अध्यक्ष चरणजीत सिंह चन्नी से पटरी नहीं बैठ रही है। बड़े फैसलों में उनकी नहीं सुनी जा रही है। न ही उनसे सलाह-मशविरा किया जा रहा है। हालांकि लोगों के जेहन में चन्नी के मुख्‍यमंत्री बनने के तत्काल बाद के वे चित्र भी घूम रहे होंगे, जब सिद्धू मुख्‍यमंत्री चन्नी के कंधे पर हाथ रखे हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि दूसरे चित्र में वे चन्नी का हाथ पकड़कर चल रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है सिद्धू चन्नी को रिमोट कंट्रोल की तरह चलाना चाह रहे थे। 
 
सिद्धू ने अपने इस्तीफे में कहा है कि वे पंजाब के भविष्य से समझौता नहीं कर सकते। समझौता करने से व्यक्ति का चरित्र खत्म हो जाता है। व्यक्ति की शख्सियत खत्म हो जाती है। राहुल-प्रियंका के दबाव में भले ही सिद्धू मान भी जाएं, लेकिन अध्यक्ष बनने के महज 71 दिन बाद इस्तीफा देकर उन्होंने कांग्रेस को धर्मसंकट में तो डाल ही दिया है। इससे कैप्टन अमरिंदर की उस बात की भी पुष्टि होती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सिद्धू स्थिर व्यक्ति नहीं है। 
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