दुनिया जैसे- जैसे तेजी से बढ़ती और बदलती जा रही है। आधुनिक होती जा रही है। आदमी के सिर से बोझ हल्का होता जा रहा है या उतरता जा रहा है। बाजार ने हमारा जीना बहुत कुछ आसान कर दिया है। इतनी सुविधाएं दी गई हैं कि एक क्लिक पर सबकुछ हासिल हो जाएगा।
आदमी के सिर पर रिश्तों का जो बोझ था वो भी दिन ब दिन कम होता जा रहा है। कोई अपने मां-बाप को वृद्धाश्रम में छोड़कर आ रहा है तो कोई इतनी भी जहमत नहीं उठाता, वो सड़क पर ही मां-बाप को मरने के लिए छोड़ देता है। कहना गलत नहीं होगा कि सड़कों और फुटपाथों पर गुमनाम जिंदगी जीते मां-बाप की तादात घर में मखमल के बिस्तरों पर आराम फरमाती औलादों से ज्यादा होती जा रही है।
लेकिन इतना काफी नहीं था, दुनिया को अभी और बदलना है। अभी और बहुत आगे बढना है। नहीं तो दुनिया पूरी तरह से आधुनिक नहीं कहलाएगी। इसलिए बाजार ने एक और नया काम किया है। अंतिम संस्कार स्टार्ट-अप। रिश्तों को रौंदने वाला स्टार्ट-अप।
जी हां, एक आखिरी बोझ जो औलाद के कंधों को थका रहा था, बेहाल कर रहा था वो भी उतरने वाला है, या कहो कि लगभग उतर ही गया। बाजार में एक नया स्टार्ट-अप आ गया है। जाहिर है स्टार्ट-अप है तो बेहद सम्मानीय काम ही होगा। हां, सम्मानीय ही काम है। दरअसल, जो अंतिम संस्कार में शव को कांधा देने का जो पूण्य काम आप और हम अब तक करते आ रहे थे वो अब यही स्टार्ट- अप करेगा। यानी पूण्य आपसे शिफ्ट होकर स्टार्ट- अप पर आ गया है। यानी आपके कंधे का बोझ अब सुखांत फ्यूनरल मैनेजमेंट कंपनी उठाएगी।
सुखांत फ्यूनरल मैनेजमेंट कंपनी हर उस चीज़ का ध्यान रखती है जो अंतिम संस्कार के समय ज़रूरी होता है। यह अर्थी को कंधा देने से लेकर साथ में चलने वाले, 'राम नाम सत्य है' बोलने वाले और पंडित-नाई, सबकुछ उपलब्ध करवाती है। इतना हर साथ ही मरने वालों की अस्थियों के विसर्जन का सारा प्रबंध भी करवाती है।
दरअसल, हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान लगने वाले मेले में इस कंपनी ने अपना प्रमोशन किया है। इसके लिए बकायदा कैनोपी लगाई गई। दिल्ली में लग इस 41वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले यानी इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में जब इस कंपनी का यह स्टार्ट-अप लोगों को नजर आया तो उसकी तस्वीर वायरल हो गई। यह कंपनी मुंबई की है।
जिसने मृत लोगों के अंतिम संस्कार का काम अपने हाथों में लिया है। यह अंतिम संस्कार से लेकर, सामान और दूसरी रस्मों को पूरा करेगी। इसमें एंबुलेंस सेवा, अंतिम संस्कार के लिए जरूरी सभी सामान की व्यवस्था करती है और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में सहायता करती है। जानकारी के मुताबिक ये कंपनी लगभग 38 हजार की फीस पर अंतिम संस्कार का पूरा जिम्मा संभालेगी। यही नहीं पंडित और नाई से लेकर ये लोग अस्थियां विसर्जन करने में भी मदद करेंगे।
अभी तो लोग इस नए सुविधा को लेकर हो सकता है कुछ हिचकिचा रहे हैं, लेकिन जैसे- जैसे इस कंपनी को प्रचार मिल रहा है, वो दिन दूर नहीं जब हम अपनों के अंतिम संस्कार का बोझ अपने कांधों से उतारकर इस कंपनी को सौंप दें और हमारे हिस्से में राम नाम सत्य बोलना भी शेष न रह जाए। शायद यही रिश्तों का राम नाम सत्य है।