भारत के त्योहार देते हैं बराबरी का संदेश : मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां भाजपा मुख्यालय में ‘दिवाली मिलन’ के मौके पर गैर भेदभाव और बराबरी के संदेश की बात की और कहा कि भारत के त्योहारों की यही प्रेरणा है।
उन्होंने कहा कि भारतीय त्योहार समाज को नई प्रेरणा देते हैं। प्रकाश का त्योहार भी इसी का हिस्सा है। इसमें कोई भेदभाव नहीं है। यह बराबरी के मूल्यों को भी बलवती करता है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने मीडिया से बातचीत की और उनके साथ सेल्फी के दौर भी चले।
मोदी ने कहा कि कुंभ सहित भारतीय त्योहार लोगों को आपस में जोड़ते हैं तथा हमारे समाज में त्योहार अपने आप में एक बड़ी शक्ति हैं, जो समाज को नई गति, ऊर्जा और उत्साह देते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर त्योहारों के सामाजिक और आर्थिक आयामों का विशलेषण किया जाए तो उनसे कई तरह की खबरें निकल सकती हैं। उदाहरणस्वरूप, कुंभ मेले के दौरान गंगा के किनारे इतनी विशाल संख्या में लोग एकत्र होते हैं जितनी कुछ छोटे यूरोपीय देशों की आबादी है।
मंच से अपने संक्षिप्त संबोधन के बाद प्रधानमंत्री नीचे आ गए और भाजपा मुख्यालय में उपस्थित पत्रकारों से हाथ मिलाया। कई पत्रकारों ने उनके साथ सेल्फी ली। भाजपा मुख्यालय में आयोजित दिवाली मेले में मोदी पिछले साल भी इसी तरह आए थे और मीडिया से बेतकल्लुफ अंदाज में घुलमिल गए थे।
दिवाली मेले का आयोजन देर से किए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि व्यस्त कार्यक्रमों के चलते ऐसा हुआ। उन्होंने हंसते हुए कहा कि अगर इसे अब भी आयोजित नहीं किया जाता तो शायद फिर क्रिसमस तक प्रतीक्षा करनी पड़ती।
इस मौके पर मौजूद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इस वर्ष को देश की लोकतांत्रिक परंपराओं के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए इसके लिए बधाई दी।
संविधान दिवस पर संसद में हुई विशेष चर्चा के संबंध में उन्होंने कहा कि संसद ने सर्वसम्मति से संविधान की सर्वोच्चता को दर्शाया और हमारा प्रयास इस भावना को सभी दलों और मीडिया के जरिए समाज के सबसे कमजोर व्यक्ति तक ले जाने का होगा। (भाषा)