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Last Updated : सोमवार, 16 जुलाई 2018 (11:59 IST)

मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने बनाई रणनीति

मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने बनाई रणनीति - Monsoon session, opposition political party
नई दिल्ली। मानसून सत्र के शुरू होने से पहले सोमवार को विपक्षी राजनीतिक दलों की बैठक होने जा रही है। इसमें बुधवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र के लिए रणनीति पर विचार किया जाएगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्यसभा के नए उपाध्यक्ष के चयन में विपक्षी दलों के बीच एकता देखी जा सकती है। विपक्ष मानसून सत्र के दौरान मॉब लिंचिंग, बैंक धोखाधड़ी, किसानों की दशा और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मसलों को लेकर सरकार को घेर सकती है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में विपक्ष में शामिल प्रमुख दलों के नेता शामिल हो सकते हैं। पीजे कुरियन उपाध्यक्ष 1 जुलाई को सेवानिवृत्त होने के बाद वे राज्यसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव के मसले समेत मानसून सत्र की रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे।

बताया यह भी जा रहा है कि सरकार मानसून सत्र में चुनाव नहीं करवा सकती है। हालांकि भाजपा ने इस पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। संविधान में राज्यसभा उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए कोई निश्चित समय सीमा का जिक्र नहीं है और परंपरा के अनुसार राज्यसभा के नए उपाध्यक्ष का चुनाव मौजूदा उपाध्यक्ष के सेवानिवृत्त होने के कुछ महीने बाद होता रहा है।

विपक्ष चुनाव करवाना चाहता है। हालांकि बहुत कुछ तेलंगाना राष्ट्रीय समिति, अन्नाद्रमुक, बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस के रुख पर निर्भर करेगा। बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस पद के लिए विपक्ष के उम्मीद को समर्थन दे सकती है। हालांकि किसी पार्टी ने नहीं कहा है कि वह अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है। तृणमूल कांग्रेस या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार को उतारा जा सकता है।

विपक्ष के उम्मीदवार के नाम पर आम सहमति की संभावना दूर की बात दिखती है क्योंकि गत में यह पद सत्ताधारी पार्टी के पास रही है। कयास यह भी लगाया जा रहा है कि मुकाबले की स्थिति में बीजेपी की अगुवाई में राजग शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल का अपना उम्मीदवार बना सकता है।