मंकीपॉक्स या त्वचा की एलर्जी: लोगों में दहशत, जांच के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं अस्पताल
नई दिल्ली। मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे के कारण दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के लोगों में घबराहट है और वे त्वचा की सामान्य एलर्जी होने पर भी मंकीपॉक्स से संक्रमित होने की आशंका में जांच के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं।
नोएडा में रहने वाली 28 वर्षीय प्रियंका ने कहा कि उसके पैर में लाल दाने दिखने के बाद उसे यह लगा था कि वह मंकीपॉक्स से संक्रमित हो गई है। एक ही दिन में ये दाने उसके पूरे शरीर में फैल गए थे।
प्रियंका ने कहा कि मंकीपॉक्स को लेकर कई खबरों पर चर्चा हो रही है। ऐसे में पहले मुझे लगा कि मैं भी इससे संक्रमित हो गई हूं। मैं चिंतित हो गई और मैंने मंकीपॉक्स संक्रमण संबंधी तस्वीरें देखीं और समाचार पढ़े। इसके बाद मैंने अपने चिकित्सक को फोन किया, जिसने मेरा डर दूर करने की कोशिश की, लेकिन मुझे दाने गायब होने के बाद ही तसल्ली हुई कि यह त्वचा की सामान्य एलर्जी थी।
प्रियंका की तरह दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में त्वचा की एलर्जी से पीड़ित कई ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जिन्हें आशंका है कि वे मंकीपॉक्स से संक्रमित हो चुके हैं। दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला रविवार को सामने आया था।
मेदांता अस्पताल में त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. रमनजीत सिंह ने कहा कि जागरुकता बढ़ने के कारण लोग यह पुष्टि करने के लिए अस्पतालों में आ रहे हैं कि क्या उनके लक्षण मंकीपॉक्स से संबंधित तो नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि हमने पिछले सात से 10 दिनों में देखा है कि देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आने के बाद से लोगों में डर बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि यह डर उन लोगों में अधिक है, जिन्होंने हाल में विदेश की यात्रा की है।
सिंह ने कहा कि मंकीपॉक्स के संक्रमण की शुरुआत में आमतौर पर बुखार, अस्वस्थता, सिरदर्द, कभी-कभी गले में खराश और खांसी जैसी समस्याएं होती हैं और करीब चार दिन बाद त्वचा पर दाने, चकत्ते और अन्य समस्याएं नजर आती हैं।
गुरुग्राम स्थित फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के त्वचा विज्ञान विभाग में वरिष्ठ सलाहकार डॉ. सचिन धवन ने कहा कि एक महिला हाल में उनके पास आई, जिसके 10 महीने के बच्चे को कीड़े ने काट लिया था और उसकी त्वचा पर दाना निकल आया था।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट के माध्यम से बढ़ती जागरूकता के कारण लोग मंकीपॉक्स की आशंका होने पर हमारे पास आ रहे हैं। घबराने की जरूरत नहीं है। मंकीपॉक्स के मामलों की संख्या अपेक्षाकृत कम है, लेकिन अगर आपको संदेह है, तो चिकित्सक से परामर्श लेना बेहतर है। भारत में अब तक मंकीपॉक्स के चार मामले सामने आ चुके हैं।